बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में डायरेक्ट्र एंट्री मिलेगी। उन्हें चयन ट्रायल से छूट दी गई है। हालांकि,साक्षी मलिक को ऐसी कोई छूट नहीं मिली है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की तदर्थ समिति ने इसकी जानकारी दी है। साथ ही कहा है कि वह सभी वर्गों में चयन ट्रायल कराएगा, लेकिन पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिला 53 किग्रा वर्ग के विजेताओं को स्टैंडबाई के तौर पर रखा जाएगा। बजरंग, विनेश और साक्षी तीनों डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर पहलवानों के धरना प्रदर्शन के मुख्य चेहरा थे।

पिछली बार एशियन गेम्स का आयोजन जकार्ता में 2018 में हुआ था। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की चयन नीति के अनुसार ट्रायल से उसी को छूट मिल सकती है, जिसने मौजूदा चक्र (पिछले एशियाई खेलों से लेकर अब तक) में वर्ल्ड चैंपियनशिप या ओलंपिक में पदक जीते हैं। साक्षी मलिक इस दौरान न तो वर्ल्ड चैंपियनशिप में कोई पदक जीत पाईं और न ही ओलंपिक खेलों में। वहीं, बजरंग पूनिया ने 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, जबकि विनेश फोगाट वर्ल्ड चैंपिनशिप 2022 में कांस्य पदक जीतने में सफल रही थीं।

राष्ट्रीय मुख्य कोचों की सहमति के बगैर फैसला लिया गया

तदर्थ समिति ने बजरंग और विनेश को एशियन गेम्स में ड्रायरेक्ट एंट्री देने का फैसला राष्ट्रीय मुख्य कोचों की सहमति के बगैर लिया है। ऐसे में हंगामा तय है। उसने एक सर्कुलर में कहा कि वह पहले ही पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा में पहलवानों का चयन कर लिया है, लेकिन तीनों वर्ग में सभी छह वजन श्रेणियों में ट्रायल आयोजित किए जाएंगे।

सर्कुलर में बजरंग और विनेश का नाम नहीं

तदर्थ समिति ने सर्कुलर में बजरंग और विनेश का नाम नहीं लिया, लेकिन समिति के सदस्य अशोक गर्ग ने पीटीआई से पुष्टि की कि दोनों पहलवानों को ट्रायल से छूट दी गई है। भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति ने 23 सितंबर को चीन के हांगझोऊ शहर में होने वाले एशियन गेम्स के लिए कुश्ती टीम का चयन करने के लिए ट्रायल से ठीक चार दिन पहले यह निर्णय लिया। ग्रीको-रोमन और महिलाओं के फ्रीस्टाइल ट्रायल 22 जुलाई को होने हैं, जबकि पुरुषों के फ्रीस्टाइल ट्रायल 23 जुलाई को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होंगे।