प्रत्युष राज। वर्ल्ड कप 2023 के दौरान अफगानिस्तान के कप्तान हशमतुल्लाह शहीदी को शेल्फी के लिए फैंस से खूब रिक्वेस्ट आ रही है, लेकिन कोई भी उनके साथ फोटो नहीं लेना चाहता। वह अपने साथी खिलाड़ियों के लिए मैसेंजर की तरह काम कर रहे हैं। ज्यादातर फैंस राशिद खान के साथ सेल्फी के लिए गुजारिश करते हैं। हशमतुल्लाह ने इसे लेकर कहा, “सबको राशिद के साथ सेल्फी लेना है। वह सुपरस्टार है।”
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 87 किलोमीटर दूर रहने वाले हशमतुल्लाह को फिजिक्स की किताब और बल्ले में से किसी एक चीज को चुनना था। उन्होंने बल्ले को चुना। उनके पिता मोहम्मद हाशिम शहीदी फिजिक्स के प्रोफेसर थे। उन्होंने 44 किताबें लिखी हैं और वह चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा वैज्ञानिक बने। मोहम्मद हाशिम अब इस दुनिया में नहीं हैं। पिता को खोने की हशमतुल्लाह के दर्द कोई समझ सकता है तो वो कोई और नहीं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली हैं।
कोहली समझ सकते हैं शहीदी का दर्द
विराट कोहली के पिता की जब मौत हुई थी तब वह परिवार से दूर थे और रणजी मैच खेल रहे थे। हशमतुल्लाह शहीदी के भी पिता की जब मौत हुई तब वह अपने परिवार से दूर थे। फर्स्ट क्लास मैच खेल रहे थे। दोनों की शाम को बात हुई थी और सुबह उनके पिता उठे ही नहीं। उन्हें इस बात टीस है। हशमतुल्लाह शहीदी ने खुद अपनी दर्द भरी दास्तां द इंडियन एक्सप्रेस को एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया है।
पिता ने लिखी 44 किताब
हशमतुल्लाह शहीदी ने कहा, “मैं एक शिक्षित परिवार से हूं। मेरे पिता ने कक्षा 9 से 12 तक फिजिक्स की सभी किताबें लिखी हैं। उन्होंने विज्ञान पर 44 किताबें लिखी हैं। वह बहुत होशियार थे। वह चाहते थे कि मैं पढ़ाई को प्राथमिकता दूं और क्रिकेट को सिर्फ शौक के लिए खेलूं। मुझे फिजिक्स पसंद नहीं था। मैं अच्छा था भी नहीं पढाई में।”
पिता चाहते पढ़ाई करें हशमतुल्लाह
हशमतुल्लाह शहीदी ने कहा, ” मेरे पिता मुझसे पढ़ाई पर ध्यान देने को कहते थे। मैं उनसे कहता था कि ठीक है, मैं अपनी शिक्षा जारी रखूंगा, मैं उनसे खुश रखने के लिए विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में भी बैठा, लेकिन मेरा जुनून क्रिकेट था और एक बार जब मुझे अंडर-19 टीम के लिए चुना गया, तो मैं मुश्किल से अपना स्कूल पूरा कर पाया। विश्वविद्यालय जाना कोई विकल्प नहीं था।”
हशमतुल्लाह के पिता का 2018 में हुआ था निधन
हशमतुल्लाह के पिता का निधन 2018 में हो गया था। वह तब प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे थे। उन्हें अपने पिता के साथ न होने का मलाल है। उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि दिन का खेल खत्म होने पर मैं 120 रन पर नाबाद था। मैंने अपने पिता को फोन किया और उनसे कहा कि वे मेरे लिए प्रार्थना करें ताकि मैं दोहरा शतक बना सकूं। हमारे घर में कुछ मेहमान थे, इसलिए मेरे पिता ने कहा कि मैं व्यस्त हूं, जब तुम अपना दोहरा शतक पूरा कर लोगे तो हम कल बात करेंगे। आप बड़ा शतक बनाएंगे। फिर उन्होंने कॉल काट दी। यह आखिरी बार हमारी बातचीत थी। मैं घर से छह घंटे दूर खेल रहा था। वह सोए और फिर नहीं उठे।”