किदाम्बी श्रीकांत और युवा लक्ष्य सेन ने शुक्रवार को स्पेन के हुएलवा में बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में इतिहास रचा। श्रीकांत और लक्ष्य सेन ने मेन्स सिंगल्स के सेमीफाइनल में जगह बनाई। इसके साथ ही मेन्स सिंगल्स में भारत के दो पदक पक्के किए। शनिवार को पहले सेमीफाइनल में श्रीकांत और लक्ष्य आमने सामने होंगे।

इसका मतलब है कि भारत का एक रजत पदक भी पक्का हो गया है। विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के इतिहास में पहली बार कोई भारतीय पुरुष शटलर फाइनल में पहुंचेगा। इससे पहले मेन्स सिंगल्स में भारत की ओर से प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य पदक) और बीसाई प्रणीत (2019 में कांस्य पदक) ने पदक जीते थे। महिला वर्ग में सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में पांच पदक जीते हैं, जबकि साइना नेहवाल के नाम दो पदक हैं।

ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने भी 2011 में कांस्य पदक जीता था। मेन्स सिंगल्स में भारत के तीसरे खिलाड़ी एचएस प्रणय के पास भी सेमीफाइनल में पहुंचने का मौका है। वह क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर के कीन येव लोह से भिड़ेंगे।

हालांकि, वुमन्स सिंगल्स में भारत को निराशा हाथ लगी। मौजूदा चैंपियन पीवी सिंधु को क्वार्टर फाइनल में ताइ जु यिंग से हार का सामना करना पड़ा। भारत के लिए टूर्नामेंट में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। पहले विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी और यहां 12वें वरीय श्रीकांत ने नीदरलैंड के मार्क कालजोऊ पर क्वार्टर फाइनल में महज 26 मिनट में 21-8 21-7 से जीत हासिल की।

इसके बाद गैरवरीयता प्राप्त सेन ने अपने जुझारूपन का शानदार नमूना पेश किया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में चीन के जुन पेंग झाओ को तीन गेम तक चले रोमांचक मुकाबले में 21-15, 15-21, 22-20 से हराया। यह मैच एक घंटे और सात मिनट तक चला।

सेन ने कहा, ‘मैं रैली में आत्मविश्वास से भरा हुआ था। लेकिन हम दोनों ने कुछ गलतियां की। 20-20 पर मैं चूक गया, लेकिन मैं फिर भी विनर लगाने में सफल रहा, थोड़ा भाग्यशाली रहा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं तीन साल से श्रीकांत से नहीं खेला हूं, इसलिए यह अच्छा मैच होगा। वह भी बहुत अच्छा खेल रहे हैं। उन्होंने इस हफ्ते में अपने प्रतिद्वंद्वियों को दोहरे अंक तक पहुंचने से पहले ही हरा दिया है।’

सेन ने साथ ही कहा, ‘मैं भी अच्छा खेल रहा हूं। हम दोनों ही आक्रामक शैली का खेल खेलते हैं। देखते हैं कौन फाइनल में पहुंचता है। भारत ने एक फाइनलिस्ट तो पक्का कर लिया है, जो अच्छी चीज है। मैं मुकाबले के लिए तैयार हूं।’

श्रीकांत ने कहा, ‘मैंने खुद से कहा कि मुझे मैच में बने रहना होगा। मैं बड़ी बढ़त नहीं गंवाना चाहता था या आसान गलतियां नहीं करना चाहता था, मुझे ध्यान लगाए रखना था।’ उन्होंने कहा, ‘इस चरण तक पहुंचकर खुश हूं। इस टूर्नामेंट में आने से पहले मैं सिर्फ शुरूआती मुकाबले के बारे में सोच रहा था। इसके बाद ही अगले अगले मुकाबले के बारे में सोचा।’

दुनिया के 14वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत पहले गेम में 11-5 से बढ़त बनाए थे। उन्होंने ब्रेक के बाद 14-8 की बढ़त बनाकर लगातार 7 अंक हासिल कर गेम जीत लिया। दूसरा गेम भी कुछ अलग नहीं था। उसमें श्रीकांत ने अपने प्रतिद्वंद्वी को पूरी तरह से पस्त कर दिया। उन्होंने 4-3 के स्कोर के बाद लगातार सात अंक हासिल किये। फिर 17-7 के बाद उन्होंने लगातार चार अंक जीतकर मैच अपने नाम कर लिया।

वुमन्स सिंगल्स में शीर्ष वरीय ताइ जू ने क्वार्टर फाइनल 42 मिनट में 21-17, 21-13 से जीतकर सिंधु का खिताब बरकरार रखने का सपना तोड़ा। दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु ने 2019 में यह खिताब जीता था। कोरोना महामारी के कारण साल 2020 में टूर्नामेंट हुआ नहीं था।

सिंधु ने 2019 में ताइ जू को इस टूर्नामेंट में हराया था, लेकिन टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में उनसे हार गईं थीं। इस मैच से पहले ताइ जू के खिलाफ उनका जीत हार का रिकॉर्ड 14-5 का था। भारतीय खिलाड़ी को ताइ जू की फुर्ती, कोर्ट कवरेज और ड्राप शॉट की बराबरी करने में मुश्किल हो रही थी। ऐसा पहले भी कई बार रहा है। हालांकि सिंधु ने कुछ बेहतरीन क्रास-कोर्ट स्मैश लगाए।

सिंधु ने मैच के दौरान कई सहज गलतियां कीं। वह दूसरे गेम में बराबरी तक पहुंची थीं, लेकिन बाद में हार गईं। ताइ जू ने इस तरह 2019 विश्व चैंपियनशिप में इसी चरण में सिंधु से मिली हार का बदला भी चुकता किया। पहले गेम में दोनों शुरू में 2-2 की बराबरी पर थी लेकिन ताइ जु ने तेजी से 11-6 की बढ़त हासिल कर ली।

सिंधु ने ब्रेक के बाद कुछ शानदार क्रास कोर्ट स्मैश से इस अंतर को 16-18 से 17-19 कर दिया। हालांकि, सिंधु लय बरकरार नहीं रख सकीं और दो बार वाइड शॉट लगाने से पहला गेम 17 मिनट में गंवा बैठीं।

दूसरा गेम करीबी रहा, लेकिन फिर ताइ जु ने पीवी सिंधु की एक गलती से ब्रेक तक 11-8 की बढ़त हासिल की। इसके बाद सिंधु के दो बेहतरीन स्मैश का ताइ जु के पास कोई जवाब नहीं था। इससे सिंधु ने इस अंतर को महज एक अंक का कर दिया जो 10-11 हो गया।

ताइ जु ने अगला अंक अपने नाम किया। फिर सिंधु ने एक क्रास कोर्ट स्मैश लगाकर स्कोर 11-12 कर दिया। चीनी ताइपे की खिलाड़ी ने वाइड शॉट फेंका जिससे स्कोर 12-12 हो गया। ताइ जु ने अगले तीन अंक अपने खाते में डाले, लेकिन फिर नेट पर हिट कर बैठीं।

एक असफल लाइन कॉल चुनौती के बाद सिंधु 13-16 से पिछड़ रही थीं। भारतीय खिलाड़ी ने अगले दो शॉट नेट में हिट किए और अपनी प्रतिद्वंद्वी के ड्राप शॉट तक नहीं पहुंच पाईं, जिससे वह 13-18 से पांच अंक से पिछड़ गईं। इसके बाद भी सिंधु ने असहज गलती करना जारी रखा। उन्होंने पहले शॉट वाइड फेंका और ताइ जु के स्मैश को चूककर मैच गंवा बैठीं।