महिला विश्व कप 2025 गुरुवार 2 अक्टूबर को तब विवादों में घिर गया जब कमेंट्री पैनल की सदस्य और पाकिस्तान की पूर्व कप्तान सना मीर ने ऑन-एयर ‘आजाद कश्मीर’ का जिक्र करके हंगामा मचा दिया। बांग्लादेश के खिलाफ पाकिस्तान के पहले मैच के दौरान की गई इस टिप्पणी की सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हुई और क्रिकेट प्रशंसकों और अधिकारियों, दोनों का ध्यान इस ओर गया।

सना मीर की ऑन-एयर टिप्पणी से मचा बवाल

सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप में सना मीर को यह कहते हुए सुना गया, ‘…एक बहुत ही युवा टीम की कप्तानी करना। हां, उन्होंने क्वालिफायर जीते हैं, लेकिन इनमें से बहुत सी खिलाड़ी नई हैं। नतालिया, जो कश्मीर, आजाद कश्मीर से आती हैं, लाहौर में काफी क्रिकेट खेलती हैं। उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए ज्यादातर लाहौर आना पड़ता है।’

भारतीय प्रशंसकों ने की कड़ी प्रतिक्रिया, कार्रवाई की मांग

भारतीय प्रशंसकों ने तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की। भारतीय प्रशंसकों ने खेल में राजनीति का घालमेल करने के लिए सना मीर को कमेंट्री पैनल से हटाने की मांग की।

ICC के नियम और कमेंटेटर्स की तटस्थता पर उठे सवाल

आईसीसी के क्रिकेट के राजनीतिकरण के खिलाफ सख्त नियम हैं। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय प्रसारणों पर कमेंटेटरों की तटस्थता बनाए रखने को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। यह मुद्दा सोशल मीडिया पर पहले ही गरमा चुका है, भारतीयों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इस कृत्य की निंदा की है।

भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर असर

सवाल यह है कि सना मीर ने ऐसा क्यों कहा। क्या सना मीर को अपनी बात के राजनीतिक निहितार्थ नहीं पता थे? क्या सना मीर को नहीं पता था कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पहले ही एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुके हैं? क्या सना मीर को यह अहसास नहीं था कि इससे पांच अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले अगले मैच में स्थिति और बिगड़ सकती है?

क्या यह पाकिस्तान का सोचा-समझा कदम था?

सच तो यह है कि जिम्मेदारी के पदों पर बैठे लोगों को कहीं ज्यादा सावधानी से काम लेना चाहिए। केवल शब्दों को उछालना टिप्पणी नहीं है। यदि आप कुछ नहीं कर सकते या लोगों की संवेदनशीलता को समझने और उसकी सराहना करने में सक्षम नहीं हैं तो आपको माइक्रोफोन नहीं दिया जाना चाहिए। एशिया कप में जो हुआ, उसे देखते हुए यह भी पूछा जाना चाहिए कि क्या यह पाकिस्तान में बैठे सत्ताधारियों द्वारा जानबूझकर किया गया कोई कृत्य था। बहरहाल, यह मामला चरम पर पहुंच गया है और इस पर कार्रवाई जरूरी है।

मैदान पर फीका पड़ा पाकिस्तान का प्रदर्शन

इस विवाद ने मैदान पर पाकिस्तान के प्रदर्शन को फीका कर दिया। उसकी बैटरों को बांग्लादेश की अनुशासित गेंदबाजी के सामने संघर्ष करना पड़ा। बांग्लादेश ने पाकिस्तान को आसान ट्रैक पर 38.3 ओवर में 129 रन पर सीमित कर दिया। बांग्लादेश की तेज गेंदबाज मारुफा अख्तर (20) ने शानदार शुरुआत की। उन्होंने सलामी बल्लेबाज ओमैमा सोहेल और सिदरा अमीन को शून्य पर आउट किया, जिससे पाकिस्तान 2/2 पर लड़खड़ा गया।

बांग्लादेश की शानदार गेंदबाजी से पाकिस्तानी ध्वस्त

बाएं हाथ की स्पिनर नाहिदा अख्तर ने दबाव बढ़ाया। उन्होंने मुनीबा अली (17) और रमीन शमीम (23) को पावरप्ले के तुरंत बाद आउट कर दिया और सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान की पारी गति नहीं पकड़ पाए। पाकिस्तान का रन रेट शायद ही कभी 4 रन प्रति ओवर से ऊपर गया। उसने 30वें ओवर में 100 रन का आंकड़ा पार किया, जिसमें कुल 14 चौके ही लगे।