भारत को आईसीसी महिला एकदिवसीय विश्व कप 2025 के फाइनल में पहुंचाने के बाद युवा स्टार जेमिमा रोड्रिग्स अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाईं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी वह कई बार रो पड़ीं। जेमिमा ने गुरुवार 30 अक्टूबर 2025 की रात नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में नाबाद शतक जड़ा। इस ऐतिहासिक पारी के बाद जेमिमा को सभी ओर से तारीफें मिलने लगीं।
जेमिमा को इस वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (लीग स्टेज में) मैच के बाद ड्रॉप कर दिया गया था। इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा था। इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी वापसी हुई और फिर छा गईं। हालांकि, प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जाने के बाद वह एंग्जाइटी से परेशान थीं। इसका खुलासा उन्होंने महिला विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने यह भी बताया कि उस दौरान कौन-कौन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा।
थकने के कारण खेले पेचीदा शॉट
जेमिमा ने बताया कि ईश्वर पर अटूट आस्था से उन्हें बेचैनी से उबरने में मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रार्थना कर रही थी। मैं खुद से बात कर रही थी क्योंकि काफी ऊर्जा खत्म हो चुकी थी। मैं थक गई थी और इसकी वजह से कुछ पेचीदा शॉट खेले। मैं सोच रही थी कि कैसे खेलूं। आक्रामक रहूं या अंत तक टिकी रहूं और मैंने सीखा कि अंत तक डटकर खेलना जरूरी था।’
जेमिमा रोड्रिग्स ने बताया, ‘मैं ईश्वर से बात कर रही थी क्योंकि मेरा मानना है कि मेरा उनसे निजी रिश्ता है और जब मैं खुद नहीं कर पाती तो वह मेरे लिये कर देते हैं।’ हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पारी से पहले जेमिमा कठिन दौर से गुजर रही थीं, लेकिन उनके साथी खिलाड़ी उनके साथ डटे रहे।
मां से बात करते समय रोती रहती थीं जेमिमा
जेमिमा ने कहा, ‘कोई अपनी कमजोरियों के बारे में बात नहीं करना चाहता। टूर्नामेंट की शुरुआत में काफी बैचेनी से गुजर रही थी। अपनी मां को फोन करके पूरा समय रोती रहती थी, क्योंकि जब आप इन हालात से गुजर रहे होते हैं तो कुछ सूझ नहीं पड़ता। समझ में नहीं आता कि क्या करें। ऐसे समय में मेरे माता पिता ने मेरा खूब साथ दिया।’
स्मृति ने मेरी बहुत मदद की: जेमिमा
जेमिमा ने बताया, ‘अरुंधति रेड्डी से मैं रोज बात करती थी और उसके सामने रोती थी। स्मृति (मंधाना) ने मेरी काफी मदद की। उसे पता था कि मैं क्या महसूस कर रही हूं। कुछ नेट सत्रों में वह खड़ी रही, कुछ कहा नहीं, लेकिन उसे पता था कि उसकी मौजूदगी मेरे लिए अहम है। राधा यादव ने मेरा बहुत ख्याल रखा।’
जेमिमा ने मैच के बारे में कहा, ‘डी वाई पाटिल स्टेडियम पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। मैं यही सोच रही थी कि टिके रहते हैं तो रन खुद ब खुद मिलेंगे।’
