रोहित शर्मा का भारत के कप्तान के तौर पर कार्यकाल शनिवार (4 अक्टूबर) को समाप्त हो गया जब चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने शुभमन गिल को नया एकदिवसीय कप्तान घोषित किया। शुभमन गिल दो हफ्ते बाद ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की कमान संभालेंगे। भारत इस साल की शुरुआत में रोहित शर्मा की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद 50 ओवर के क्रिकेट में अपना पहला मैच खेलेगा।
2021 में सीमित ओवरों की टीम की कप्तानी संभालने के बाद से रोहित का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड रहा। उनका जीत प्रतिशत 73.5 रहा। 100 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी करने वाले में यह सर्वश्रेष्ठ आंकड़े हैं। भारत को 6 महीने के अंदर टी20 विश्व कप खिताब और चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले रोहित 2023 में विश्व कप खिताब जीतने के बेहद करीब थे। हालांकि, मुंबई के इस खिलाड़ी को शुरुआती दिनों में सक्षम कप्तान नहीं माना जाता था।
‘पागल और मूडी’ कप्तान
भारत के पूर्व सहायक कोच और घरेलू क्रिकेट में रोहित शर्मा के साथ खेल चुके अभिषेक नायर ने हाल ही में एक दिलचस्प खुलासा किया। उन्होंने बताया कि रोहित को उनके करियर के शुरुआती दिनों में मुंबई के क्रिकेट जगत में एक ‘पागल और मूडी’ कप्तान के रूप में खारिज कर दिया गया था। 13 साल पहले की यह घटना है तब रोहित भारत की वनडे और टेस्ट टीमों का स्थायी हिस्सा नहीं थे। नायर ने बताया कि कैसे रोहित को उस सीजन चोटिल अगरकर की जगह मुंबई रणजी ट्रॉफी की कप्तानी बनाया गया। फिर उन्हें 2 मैच बाद ही हटा दिया गया था।
क्रिकेटर अविश्वसनीय है, लेकिन कप्तान मूडी है
नायर ने हाल ही में आशीष कौशिक के साथ एक पॉडकास्ट शो में कहा,” बहुत कम लोग जानते हैं कि जब रोहित मुंबई रणजी ट्रॉफी टीम की कप्तानी कर रहे थे तब उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था। वैसे उस साल हम जीत गए थे। अजीत अगरकर कप्तान थे। वह चोटिल हो गए और रोहित दो मैचों में कार्यवाहक कप्तान की जिम्मेदारी संभाली। फिर उन्होंने कहा ‘ये पागल है’। मुंबई में यही धारणा थी कि क्रिकेटर अविश्वसनीय है, लेकिन कप्तान मूडी है। मैंने उनकी जगह कप्तान बना और वे मेरे अंडर खेले। जब अजीत वापस आए तो अजीत कप्तान थे और जब वह हटे तो मैंने कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली।”