लखनऊ स्थित भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में मंगलवार 27 मई को लखनऊ सुपर जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का अंतिम लीग मैच खेला गया। इस हाईस्कोरिंग थ्रिलर मैच के दौरान लखनऊ सुपर जायंट्स के लेग स्पिनर दिग्वेश सिंह राठी ने 17वें ओवर में नॉन-स्ट्राइकर एंड पर जितेश शर्मा के खिलाफ रन आउट की अपील की।

थर्ड अंपायर ने हालांकि, उनकी अपील ठुकरा दी और जितेश शर्मा को नॉटआउट करार दिया गया। इसे लेकर भ्रम था कि नॉटआउट का फैसला तकनीकी नियमों के कारण यह सही था या ऐसा लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान ऋषभ पंत के अपील वापस लेने की वजह से हुआ। इस बीच यह भी देखा गया कि ऋषभ पंत के अपील वापस लेने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कप्तान जितेश शर्मा ने उन्हें गले लगाया।

यही नहीं, क्रिकेट नियमों को स्पष्ट करने के बजाय इसे ‘अपील वापसी’ ही बताया गया। हालांकि, टूर्नामेंट के आधिकारिक ब्रॉडकास्टर्स स्टार स्पोर्ट्स ने 27 मई की आधी रात के बाद 1:29 बजे एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो के कैप्शन में उसने लिखा, जितेश शर्मा रन-आउट ड्रामा और ऋषभ पंत की अपील वापस लेना, असल में क्या हुआ? पूर्व अंपायर अनिल चौधरी ने हमें सब कुछ समझाया।

क्या बोले पूर्व अंपायर अनिल चौधरी?

स्टार स्पोर्ट्स के वीडियो में अनिल चौधरी ने कहा, ‘पहली बात तो मांकड़ नाम गलत है। यह रन आउट है। टीवी अंपायर की कमेंट्री मैंने सुनी। उन्होंने कहा कि बॉलर पॉपिंग एरिया से आगे निकल गए हैं। होता यह है कि उनका जो लास्ट बॉलिंग स्ट्राइड है, वह उसी पर थे और उनका हाथ तो ऊपर गया नहीं था। हालांकि, उनकी ओपिनियन (टीवी अंपायर) है, लेकिन मुझे लगा कि वह शायद आउट थे।’

कानून के हिसाब से…

अनिल चौधरी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘वह अलग बात है कि मैंने उसके बाद देखा कि नॉटआउट आने के बाद ऋषभ पंत भी अपील वापस ले रहे थे शायद। तो यह सारी घटनाएं एक के बाद एक हुईं। लेकिन कानून के हिसाब से…, क्योंकि रिलीज पॉइंट से पहले ही उन्होंने बेल्स निकाल दी थीं, जैसे आपने पहले अश्विन को करते हुए देखा होगा, बहुत पहले हुआ था, 2-3 साल पहले। …तो मुझे तो एक बार लगा कि आउट है।’

बहुत से लोग करने के बाद वापस ले लेते हैं अपील

अनिल चौधरी ने कहा, ‘बाकी टीवी अंपायर की ओपिनियन का हम सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि वह आगे निकल गए। वह पॉपिंग एरिया से आगे निकल गया, जबकि वह बॉलिंग स्ट्राइड में ही थे। अगर ऋषभ पंत Withdraw करते तो अंपायर मान लेते और बैट्समैन नॉटआउट ही रहता। इस लेवल पर यह नॉर्मल प्रैक्टिस है। काफी लोग अपील करने के बाद Withdraw कर लेते हैं।’

अनिल चौधरी ने समझाते हुए कहा, ‘समस्या यह है कि अंपायर ऊपर जाने से पहले (थर्ड अंपायर की ओर रुख करना) पूछ नहीं सकता… या तो उससे पहले ही वापस ले ले, क्योंकि यदि वह अपील में चले गए। माइकल गॉफ ने पूछा था बॉलर से… राठी से… कि आप अपील कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि हां। फिर उन्होंने रेफर किया।’/

क्या कहता है MCC का कानून?

एमसीसी क्रिकेट नियम पुस्तिका संख्या 38.3 में ‘नॉन-स्ट्राइकर द्वारा क्रीज जल्दी छोड़ने’ की बात कही गई है।

  • नियम संख्या 38.3.1 इस बात पर स्पष्टीकरण देता है कि बल्लेबाज को कैसे रन आउट किया जा सकता है, क्योंकि गेंद तब खेल में आती है जब गेंदबाज गेंद को छोड़ता है। कानून में कहा गया है, ‘गेंद के खेल में आने के क्षण से लेकर उस क्षण तक जब गेंदबाज से सामान्य रूप से गेंद छोड़ने की अपेक्षा की जाती है, नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट किया जा सकता है यदि वह अपनी क्रीज से बाहर है।’ इन परिस्थितियों में नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट करार दिया जाएगा यदि वह उस समय अपनी क्रीज से बाहर है जब गेंदबाज द्वारा गेंद को स्टंप पर फेंकने या गेंदबाज के हाथ द्वारा गेंद को पकड़ने के कारण उसका विकेट गिर जाता है, चाहे गेंद बाद में डाली गई हो या नहीं।
  • एमसीसी का नियम संख्या 38.3.1.2 बताता है कि जितेश शर्मा को आउट क्यों नहीं दिया गया, जबकि वह स्पष्ट रूप से क्रीज से बाहर थे, जबकि ऋषभ पंत ने लखनऊ सुपर जायंट्स की ओर से दिग्वेश सिंह राठी की अपील वापस ले ली थी। कानून कहता है, ‘भले ही नॉन-स्ट्राइकर ने उस समय से पहले अपनी क्रीज छोड़ दी हो, लेकिन गेंदबाज यदि उस पॉइंट पर पहुंच जाता है जहां से गेंदबाज से सामान्य रूप से गेंद छोड़ने की अपेक्षा की जाती है, तो इस कानून के तहत गेंदबाज नॉन-स्ट्राइकर को रनआउट नहीं कर सकता है।’
  • मूल रूप से, जिस क्षण दिग्वेश सिंह राठी ने अपना एक्शन पूरा किया, उस समय गेंद को छोड़ने से पहले नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रन-आउट नहीं कर सकते। यह भी एक फैक्ट है कि अगर रन-आउट दिया जाता तो जितेश शर्मा के आउट होने के साथ ही मैच का नतीजा भी पलट सकता था।