दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने हाल ही में पूर्व टेनिस खिलाड़ी हिमानी मोर से विवाह किया। उनके विवाह के 2 दिन बाद यह खबर तब सार्वजनिक हुई, जब नीरज चोपड़ा ने खुद ही अपने इंस्टाग्राम और X (पूर्व में ट्विटर) पर समारोह की तस्वीरें शेयर कीं। उन्होंने लिखा, जीवन के नए अध्याय की शुरुआत अपने परिवार के साथ की। नीरज ♥️ हिमानी।

इसके बाद ही लोगों ने यह जानना चाहा कि ये हिमानी कौन हैं? क्या नीरज और हिमानी का पहले से ही अफेयर था। हिमानी क्या करती हैं? वह कहां की रहने वाली हैं? हिमानी कितनी पढ़ी-लिखी हैं? इस लेख में हम हिमानी की उम्र, पढ़ाई, पेशे, खेल से उनके संबंध समेत सभी के बारे में जानेंगे।

हिमानी मोर: विश्व जूनियर टेनिस में जीता था सोना

हिमानी मोर एक टैलेंटेड टेनिस खिलाड़ी रही हैं। हिमानी मोर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के बाद ताइपे में 2017 विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भी हिस्सा लिया था। उनकी स्कूल वेबसाइट कहती है कि हिमानी मोर ने 2016 में मलेशिया में आयोजित विश्व जूनियर टेनिस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।

यही वह साल था जब नीरज चोपड़ा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार पहचान मिली थी। साल 2016 में ही नीरज चोपड़ा ने गुवाहाटी में साउथ एशियन गेम्स में 82.23 मीटर का थ्रो किया और गोल्ड मेडल जीता। साउथ एशियन गेम्स 2.23 मीटर का थ्रो करने का नीरज चोपड़ा का रिकॉर्ड आज भी कायम है।

नीरज ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से ली डिग्री

24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में पानीपत जिले के खांद्रा में जन्में नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पानीपत के बीवीएन पब्लिक स्कूल से की। पंचकुला जाने के बाद, उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज में दाखिला लिया, जहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। नीरज चोपड़ा ने 2021 में पंजाब के जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और फिर अपनी बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री पूरी की।

अब हिमानी मोर पर आते हैं। हिमानी मोर ने अपने एथलेटिक और शैक्षणिक करियर दोनों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हिमानी का टेनिस के प्रति जुनून बहुत गहरा है। उनके भाई हिमांशु भी टेनिस खिलाड़ी हैं। अखिल भारतीय टेनिस संघ (AITA) के अनुसार, हिमानी मोर ने 2018 में सिंगल्स में 42 और डबल्स में 27 की करियर की सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय रैंकिंग हासिल की। ​​उन्होंने 2018 में AITA स्पर्धाओं में हिस्सा लेना शुरू किया और जल्दी ही अपनी पहचान बना ली थी।

हरियाणा के लारसौली से है हिमानी का ताल्लुक

26 जून 1999 को जन्मीं हिमानी मोर का ताल्लुक हरियाणा के लारसौली से है। हिमानी ने सोनीपत के लिटिल एंजेल्स स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली के मिरांडा हाउस में अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाया। उन्होंने राजनीति विज्ञान और शारीरिक शिक्षा में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं।

साउथ ईस्टर्न लुइसियाना विश्वविद्यालय से पढ़ी हैं हिमानी मोर

हिमानी ने साउथ ईस्टर्न लुइसियाना विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा पूरी की। तब से वह एक कोच के रूप में टेनिस की दुनिया में अपनी भूमिका निभा रही हैं। हिमानी ने फ्रैंकलिन पियर्स विश्वविद्यालय में अंशकालिक स्वयंसेवी सहायक कोच और एमहर्स्ट कॉलेज में स्नातक सहायक के रूप में काम किया है, जहां वह महिला टेनिस टीम का प्रबंधन करती हैं।

उनकी जिम्मेदारियों में टीम के लिए प्रशिक्षण, शेड्यूलिंग, भर्ती और बजट की देखरेख करना शामिल है। अपने कोचिंग कर्तव्यों के साथ-साथ, वह मैककॉर्मैक इसेनबर्ग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से खेल प्रबंधन और प्रशासन में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही हैं।

एक ही स्कूल से पढ़े हैं भारतीय टेनिस स्टार सुमित नागल और हिमानी

लिटिल एंजेल्स स्कूल से भारतीय टेनिस स्टार सुमित नागल भी पढ़े हैं। सुमित नागल टेनिस लीजेंड रोजर फेडरर के खिलाफ सेट जीतने वाले पहले भारतीय हैं। सुमित नागल से पहले लिएंडर पेस, सोमदेव देववर्मन और रोहन बोपन्ना ने भी फेडरर का सामना किया था। सोमदेव देववर्मन ने 2013 में फ्रेंच ओपन के दूसरे दौर में फेडरर का सामना किया था, जिसमें वे 6-2, 6-1, 6-1 से हार गए थे।

साल 2011 में दुबई में भी दोनों का आमना-सामना हुआ था। उसमें भी देववर्मन को हार का सामना करना पड़ा। रोहन बोपन्ना ने 2006 में हाले में फेडरर से मुकाबला किया था, जिसमें फेडरर ने 7-6, 6-2 से मुकाबला अपने नाम किया था। सुमित नागल पिछले 20 वर्षों में ग्रैंड स्लैम के मुख्य ड्रॉ में सेट जीतने वाले सिर्फ चौथे भारतीय हैं। पिछले दो दशकों में उनसे पहले सिर्फ सोमदेव देववर्मन, युकी भांबरी और साकेत मायनेनी ही ग्रैंड स्लैम के मुख्य ड्रॉ में सेट जीतने में कामयाब हुए।

बता दें कि ब्रांड वैल्यू के मामले में नीरज चोपड़ा भारतीय कप्तान से भी आगे हैं। 2 बार के ओलंपिक मेडलिस्ट का 9 साल से यह रिकॉर्ड आज भी कायम है। पूरी खबर यहां पढ़ें