भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया। टीम को विदेशों में जाकर सीरीज जीतने की आदत गांगुली की बदौलत ही लगी थी। गांगुली के बाद महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली ने इस परंपरा को आगे यूं ही बरकरार रखा है। गौरव कपूर के चैट शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियन’ में महेंद्र सिंह धोनी के बारे में बात करते हुए गांगुली ने कहा कि वह धोनी के टैलेंट को दुनिया के सामने लाना चाहते थे। धोनी को नंबर तीन पर भेजना बिल्कुल सही फैसला था, क्योंकि धोनी की काबिलियत आगे बल्लेबाजी करने पर ही लोगों के सामने आ सकती थी। गांगुली ने कहा कि जब उनके अंतिम टेस्ट मैच के आखिरी सेशन में धोनी ने उनसे कप्तानी करने को कहा तो वह हैरान रह गए। दरअसल, गांगुली को इस बात का अंदाजा नहीं था कि धोनी उनसे ऐसा कुछ करने के लिए कह देंगे।

वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली।

गांगुली ने कहा कि मैच का पांचवां दिन था और वह पूरी तरह से ऑफ मूड में आ चुके थे। भारत ने मैच लगभग जीत लिया था, बस दो-तीन ओवर का खेल बचा था और ऐसे में एमएस का यह फैसला हैरान करने वाले था। गांगुली ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में लगभग 450 इंटरनैशनल मैच खेला है। वहीं धोनी ने हाल ही में अपना 500वां वनडे मैच खेला है, धोनी की यह कामयाबी देखकर काफी खुशी होती है। धोनी की तरह विराट कोहली भी अलग शैली के खिलाड़ी हैं और आने वाले समय में वह कई रिकॉर्ड अपने नाम करने में कामयाब रहेंगे।

गांगुली ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि अच्छा लगता है जब धोनी जैसा कोई खिलाड़ी एक ऐसे क्षेत्र से आता है जहां से कम ही क्रिकेटर निकले हो। जब गौरव कपूर ने धोनी की कप्तानी को लेकर पूछा कि क्या आपको पहले से ही ऐसा लगता था कि धोनी एक सफल कप्तान बनेंगे, तो इस पर गांगुली ने जवाब देते हुए कहा पहले अनुमान लगाना मुश्किल। गांगुली ने कहा कि धोनी के अंदर यह काबिलियत मैदान पर समय बिताने व अधिक से अधिक क्रिकेट खेलने पर आई है।