भारतीय क्रिकेट टीम ने 22 अगस्त 2022 की रात 3 मैच की एकदिवसीय सीरीज में जिम्बाब्वे का सूपड़ा साफ कर दिया। उसने सीरीज का आखिरी मैच 13 रन से जीता। भारत की इस जीत में शुभमन गिल की बहुत अहम भूमिका रही। उन्होंने पहले शतक लगाकर जिम्बाब्वे के सामने 290 रन का लक्ष्य खड़ा किया। बाद में शतकवीर सिकंदर रजा का कैच पकड़ टीम इंडिया की मैच में वापसी कराई।

सिकंदर रजा जब आउट हुए तब जिम्बाब्वे का स्कोर 48.4 ओवर में 275 रन था। उसे जीत के लिए 8 गेंद में 15 रन बनाने थे। सिकंदर रजा 9 चौके 3 छक्के की मदद से 95 गेंद में 115 रन बनाकर आउट हुए। उनके स्ट्राइक रेट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि शुभमन गिल ने आगे की ओर कूदते हुए उनका कैच नहीं पकड़ा होता तो शायद भारत के हाथ से मैच निकल गया होता। नीचे वीडियो में आप देख सकते हैं कि शुभमन गिल ने किस शानदार तरीके से सिकंदर रजा का कैच पकड़ा।

मैच के दौरान खेल भावना का भी एक अद्भुत नमूना देखने को मिला। दीपक चाहर ने जिम्बाब्वे के इनोसेंट काइया को मांकडिंग किया, लेकिन अपील नहीं की। इस कारण अंपायर ने उसे डेड बॉल करार दिया। नीचे वीडियो में आप देख सकते हैं कि जब दीपक चाहर रन-अप के लिए दौड़े तो काइया अपनी क्रीज के क्रीज से बाहर निकलते हैं, इस बीच दीपक चाहर ने नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बेल्स गिरा दीं, लेकिन उन्होंने अपील नहीं करने का फैसला किया। जिम्बाब्वे के खिलाफ तीसरे वनडे में दीपक चाहर ने 75 रन देकर 2 विकेट लिए।

भारत और जिम्बाब्वे के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच की बात करें तो सिकंदर रजा जब बल्लेबाजी के लिए आए थे तब टीम का स्कोर 17.5 ओवर में 3 विकेट पर 84 रन था। इसके बाद एक छोर से नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे, लेकिन सिकंदर रजा लंगर डालकर बल्लेबाजी करते रहे।

सिकंदर रजा ने रनरेट को भी बहुत ज्यादा ऊपर नहीं जाने दिया। हालांकि, उनके पवेलियन लौटने के एक रन बाद ही जिम्बाब्वे का 10वां विकेट गिरा और भारतीय टीम 13 रन से मुकाबला जीत गई। तीसरे एकदिवसीय मैच में भारत की ओर से शुभमन गिल ने 97 गेंद में 15 चौकों और एक छक्के की मदद से 130 रन की पारी खेली।

जिम्बाब्वे के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में यह भारत की लगातार 15वीं जीत है। भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल में 3 जून 2010 को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से टीम इंडिया जिम्बाब्वे के खिलाफ कोई भी एकदिवसीय मैच नहीं हारी।