भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर सहवाग भी अपने पिता की राह पर चल रहे हैं। आर्यवीर की बल्लेबाजी शैली भी बिल्कुल अपने पिता की तरह ही है और वो तेज गति से रन बनाना पसंद करते हैं। आर्यवीर ने गुरुवार को शिलांग के एमसीए क्रिकेट ग्राउंड में कूच बिहार ट्रॉफी में दिल्ली के लिए खेलते हुे मेघालय के खिलाफ दोहरा शतक लगा दिया। उन्होंने मैदान पर कुछ बेहतरीन शॉट्स लगाए और 229 गेंदों पर 200 रन की पारी खेल दी। इस दौरान आर्यवीर ने 34 चौके और 2 छक्के लगाए जबकि उनका स्ट्राइक रेट 87.34 का रहा।
आर्यवीर ने लगाया दोहरा शतक
कूच बिहार ट्रॉफी के मुकाबले में मेघालय के खिलाफ आर्यवीर की मैराथन पारी से दिल्ली ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 2 विकेट पर 468 रन बना लिए थे और इस टीम को 208 रन की बढ़त मिल गई थी। वहीं दिल्ली की टीम के ओपनर बल्लेबाज अर्नव बग्गा ने भी शतकीय पारी खेली और पहले विकेट के लिए दोनों ओपनर्स ने अपनी टीम के लिए 180 रन की शतकीय साझेदारी की। इस मैच में मेघालय की टीम पहली पारी में 260 रन पर आउट हो गई थी और दिल्ली के लिए तेज गेंदबाज उधव मोहन ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए। आर्यवीर ने अक्टूबर में वीनू मांकड़ ट्रॉफी में पदार्पण किया था और अंडर-19 वन-डे प्रतियोगिता में मणिपुर के खिलाफ 49 रन की शानदार पारी खेलकर अपनी टीम को छह विकेट से जीत दिलाई थी।
आपको बता दें कि 2019 में सहवाग ने अपने बेटे पर दवाब के बारे में बात की थी और कहा था कि उनके बेटों पर क्रिकेटर बनने का कोई दवाब नहीं है। सहवाग के दो बेटे हैं और उन्होंने कहा था कि मै उनमें एक और वीरेंद्र सहवाग नहीं देखना चाहता। वे विराट कोहली, हार्दिक पांड्या या एमएस धोनी बन सकते हैं, लेकिन उन्हें क्रिकेटर बनने की जरूरत नहीं है। वो अपना करियर चुनने के लिए स्वतंत्र हैं और हम उन्हें सफलता दिलाने में मदद करेंगे, लेकिन अहम बात ये है कि वो अच्छे इंसान बनें और इस पर कोई समझोता नहीं किया जा सकता है।
सहवाग ने पिछले साल यह भी खुलासा किया था कि उनका बेटा पहले से ही आईपीएल अनुबंध पाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा था कि मेरा बेटा 15 साल का है और आईपीएल में खेलने का मौका पाने के लिए पहले से ही कड़ी मेहनत कर रहा है।
सहवाग ने कहा था कि आईपीएल ने युवा प्रतिभाओं को सबसे अधिक लाभ पहुंचाया है। पहले रणजी ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन के बाद भी किसी का ध्यान आपकी तरफ नहीं जाता था और भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाता था, लेकिन अब अगर आप आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और अपनी प्रतिभा दिखाते हैं, तो आपको तुरंत भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिलता है। आईपीएल की वजह से देश के छोटे राज्यों के कई बच्चे क्रिकेट को गंभीरता से लेने लगे हैं और आईपीएल में भाग लेने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं।