सूर्यकुमार यादव ने 18 मार्च 2021 को अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय पारी में 31 गेंद में 57 रन बनाए। उन्होंने करियर की पहली ही गेंद पर छक्का जड़ा था। उन्होंने 28 गेंद में अर्धशतक पूरा कर लिया था। सैम करन ने 14वें ओवर की दूसरी गेंद पर उन्हें आउट किया। डेविड मलान ने उनका कैच पकड़ा।
हालांकि, टीवी रिप्ले में साफ दिख रहा था कि गेंद मलान के हाथ में आने से पहले ही जमीन को छू गई थी, लेकिन अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल के चलते सूर्यकुमार यादव को पवेलियन लौटना पड़ा। सूर्यकुमार यादव को इस तरह आउट दिए जाने से विराट कोहली काफी नाराज दिखे। उन्होंने मैच के बाद अंपायर्स के लिए ‘मुझे नहीं पता’ नियम लागू करने की मांग की। कोहली की दलील है कि जब अंपायर्स के पास आउट या नॉटआउट देने का फैसला देने का अधिकार है तो उनके पास ‘उन्हें नहीं पता’ इस्तेमाल करने का विकल्प क्यों नहीं है?
मैच के बाद कोहली ने कहा, ‘टेस्ट सीरीज के दौरान भी यही हुआ था। मैं तो अजिंक्य रहाणे के बिल्कुल बगल में खड़ा था। उसने कैच पकड़ा था, लेकिन इसे लेकर श्योर नहीं था। फैसला तीसरे अंपायर के पास गया। अगर फील्डर को इसमें शक होता है तो स्क्वायर लेग पर खड़ा अंपायर कैसे इसे साफ तरीके से देख सकता है?’
विराट ने कहा, ‘सॉफ्ट सिग्नल काफी अहम हो गया है। यह काफी ट्रिकी है। मुझे समझ नहीं आता कि अंपायर के पास ‘मुझे नहीं पता’ फैसला सुनाने का विकल्प क्यों नहीं हो सकता है? इस तरह के फैसले मैच का नतीजा पलट सकते हैं। कल को यह किसी और टीम के साथ भी हो सकता है। हम चाहते हैं कि इसे खेल से बाहर किया जाना चाहिए, ताकि चीजे आसान हो सकें। हमें इस नियम को लेकर बहुत स्पष्टता की जरूरत है।’
वहीं थर्ड अंपायर वीरेंद्र शर्मा का मानना है कि उन्होंने कई बार अलग-अलग एंगल से रिप्ले देखा। लेकिन कैच छूटने का कनक्लूसिव एविडेंस (पर्याप्त सबूत या सबूत का अभाव) नहीं था। लिहाजा उन्होंने मैदानी अंपायर द्वारा सूर्यकुमार को आउट देने का फैसला बरकरार रखा। हालांकि, टीवी रिप्ले में दिख रहा था कि डेविड मलान ने कैच सही तरीक से नहीं पकड़ा है। गेंद जमीन को छू गई है, लेकिन सॉफ्ट सिग्नल आउट होने के चलते थर्ड अंपायर वीरेंदर शर्मा ने सूर्यकुमार को आउट दे दिया।
These types of reactions are the consequences of a mentally challenged average decision-making policy of 3rd standard umpring in an enhanced technology, period.@imVkohli @surya_14kumar @BCCI pic.twitter.com/EeALeR4lGT
— Umesh Bharatpuria (@umeshbhartpuria) March 18, 2021
यही नहीं, मैच के अंतिम क्षणों में वाशिंग्टन सुंदर ने भी शानदार शॉट मारा। तब ऐसा लग रहा था कि आदिल राशिद का पैर बाउंड्री लाइन को छू गया है, लेकिन मैदानी अंपायर द्वारा सॉफ्ट सिग्नल आउट दिए जाने के चलते उन्हें पवेलियन जाना पड़ा। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अंपायर को भी ट्रोल किया।
यह कहता है नियम
थर्ड अंपायर को संदेहास्पद कैच के फैसले रेफर करने के मामले में ICC का नियम कहता है कि ग्राउंड अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल को तभी पलटा जा सकता है जब रिप्ले से इसके पर्याप्त सबूत मिले। इसका मतलब है कि रिप्ले से साफ पता चले कि मैदानी अंपायर को जो लग रहा है वह गलत है। अगर मैदानी अंपायर ने आउट का सॉफ्ट सिग्नल दिया है तो टीवी अंपायर तभी नॉटआउट दे सकते हैं जब रिप्ले से स्पष्ट हो जाए कि बल्लेबाज नॉटआउट ही है। सूर्यकुमार के मामले में यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि कैच ड्रॉप हुआ या नहीं।
यह है क्लीन कैच का नियम
अगर कोई फील्डर लो कैच (जमीन के करीब का कैच) लेता है तो उसकी अंगुलियां बॉल के नीचे होनी चाहिए। अगर किसी मामले में फील्डर की दो अंगुली बॉल के नीचे हैं और गेंद मैदान में लग भी रही है तो भी कैच क्लीन माना जाएगा और बल्लेबाज आउट होगा। सूर्यकुमार के मामले में गेंद जमीन पर लगती दिख रही थी, लेकिन यह साफ नहीं हो रहा था कि फील्डर की अंगुली गेंद के नीचे है या नहीं। मैदानी अंपायर ने आउट दिया तो स्पष्ट सबूतों के अभाव में थर्ड अंपायर को यह फैसला बरकरार रखना पड़ा।