भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने पहली बार अपने कप्तानी छोड़ने के फैसले पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों उन्होंने अचानक यह फैसला लिया। वहीं इस फैसले का कारण बताते हुए विराट ने पूर्व कप्तान और कैप्टेन कूल नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं आप कप्तान के तौर पर ही टीम को योगदान दें।

‘डिजिट’ की ‘फायरसाइड चैट विद वीके’ में कोहली ने बताया कि कैसे टीम का नेतृत्वकर्ता नहीं होने के बावजूद टीम के लिए योगदान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि, नेतृत्वकर्ता होने के लिए किसी को टीम का कप्तान होना जरूरी नहीं है और अब भारतीय टीम का कप्तान नहीं होने के बाद वह टीम के मुख्य बल्लेबाज के रूप में और अधिक योगदान दे सकते हैं।

विराट कोहली ने इस महीने की शुरुआत में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 1-2 से टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद टेस्ट कप्तानी छोड़ दी थी। आंकड़ों पर नजर डालें तो वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। इससे पहले टी20 विश्व कप के बाद कोहली ने इस प्रारूप में भारतीय टीम की कप्तानी छोड़ दी थी और बाद में वनडे टीम की कप्तानी भी उनसे ले ली गई थी।

कोहली ने कहा,‘‘सभी चीजों का एक कार्यकाल और समय होता है। बेशक आपको इसकी जानकारी होनी चाहिए। लोग कह सकते हैं कि ‘इस आदमी ने यह क्या कर दिया’ लेकिन आपको पता है कि जब आप आगे बढ़ने तथा और अधिक उपलब्धियां हासिल करने के बारे में सोचते हो, आपको महसूस होता है कि आपने अपना काम कर दिया है।’’

‘नेतृत्वकर्ता होने के लिए आपको कप्तान होने की जरूरत नहीं’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘‘अब बल्लेबाज के रूप में शायद आप टीम के लिए अधिक योगदान दे सकते हो। आप टीम को अधिक जीत दिला सकते हो। इसलिए इस पर गर्व कीजिए। नेतृत्वकर्ता होने के लिए आपको कप्तान होने की जरूरत नहीं है। यह सामान्य सी बात है। जब महेंद्र सिंह धोनी टीम में थे तो ऐसा नहीं था कि वह नेतृत्वकर्ता नहीं थे। वह ऐसे व्यक्ति थे जिसके पास मैं सलाह के लिए लगातार जाया करता था।’’

कोहली ने आगे बढ़ने के समय पर भी बात की। रोहित शर्मा को उनकी जगह सीमित ओवरों के प्रारूप में भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई है लेकिन बोर्ड ने टेस्ट में उनके उत्तराधिकारी की घोषणा अभी नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘‘आगे बढ़ने का फैसला करना भी नेतृत्वक्षमता का हिस्सा है, समझना होगा कि इसका सही समय होता है।’’

कोहली ने ये भी कहा कि,‘‘यह समझना होगा कि शायद माहौल को अलग दिशा की जरूरत है। व्यक्ति को सभी तरह की भूमिका और जिम्मेदारियों को अपनाना होता है। मैं महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खिलाड़ी के रूप में खेला और लंबे समय तक टीम का कप्तान भी रहा, मेरी मानसिकता नहीं बदली।’’

गौरतलब है कि विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम कभी कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत पाई लेकिन फाइनल में भारत ने कई बार जगह बनाई। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को हार मिली। इसके अलावा विदेशों में भारत ने जाकर टेस्ट और वनडे सीरीज भी जीतीं। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसे सेना देश शामिल हैं।