भारतीय क्रिकेट स्टार विराट कोहली और अनुष्का शर्मा इन दिनों लंदन में अपनी पर्सनल लाइफ एंजॉय कर रहे हैं। दोनों ने लाइमलाइट से दूरी बना ली है और परिवार के साथ शांत जिंदगी जीना पसंद कर रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद वे दोस्तों, परिवार और साथी खिलाड़ियों से मिलते-जुलते रहते हैं। हाल ही में एक बातचीत में, भारतीय महिला क्रिकेट स्टार जेमिमा रोड्रिग्स ने बताया कि कैसे उन्होंने एक बार इस जोड़े से लगभग चार घंटे तक बात की थी, जिसके कारण उन्हें न्यूजीलैंड के एक कैफे से बाहर जाने के लिए कहा गया था।

जेमिमा रोड्रिग्स ने सुनाया किस्सा

मैशेबल इंडिया से बात करते हुए जेमिमा रोड्रिग्स ने बताया कि वह और उनकी टीम की साथी स्मृति मंधाना विराट से मिलकर बल्लेबाजी पर सलाह लेना चाहती थीं। पहले उन्होंने उनसे क्रिकेट के बारे में बात की और बाद में उन्हें उस होटल के एक कैफे में बुलाया जहां पुरुष और महिला दोनों टीमें ठहरी हुई थीं।

जेमिमा ने बताया कि अनुष्का शर्मा भी विराट के साथ कैफे पहुंचीं। खिलाड़ियों ने पहले आधे घंटे तक क्रिकेट पर चर्चा की। जेमिमा ने बताया, ‘उन्होंने स्मृति मंधाना और मुझसे कहा था कि तुम दोनों में महिला क्रिकेट को बदलने की ताकत है और मैं इसे होते हुए देख सकता हूं।’

जेमिमा ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि उनकी बातचीत जल्द ही क्रिकेट से हटकर जिंदगी तथा विराट और अनुष्का के साथ कई और बातों पर आ गई। हालांकि, उनकी बातचीत लगभग चार घंटे तक चली। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगा जैसे कुछ पुराने दोस्त मिले और बातें कीं। हमारी बातें सिर्फ इसलिए बंद हुईं, क्योंकि कैफे के कर्मचारियों ने हमें बाहर निकाल दिया था।’

विराट-अनुष्का के लंदन शिफ्ट होने की वजह

माता-पिता बनने के बाद विराट और अनुष्का लंदन चले गए। यह जोड़ा पपाराजी और लाइमलाइट से दूर शांत जीवन जीना चाहता था, इसलिए उन्होंने वहीं बसने का फैसला किया। अनुष्का शर्मा ने 2024 में अपने दूसरे बच्चे अकाय कोहली को जन्म भी लंदन में दिया। विराट-अनुष्का को अक्सर अपने बच्चों, वामिका और अकाय के साथ शहर में घूमते देखा जाता है।

इससे पहले, माधुरी दीक्षित के पति डॉ. श्रीराम नेने ने भी इस जोड़े के लंदन जाने के बारे में बात की थी। यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया के शो में उन्होंने बताया था, ‘एक दिन हमारी अनुष्का से बातचीत हुई और यह बहुत दिलचस्प रही। वे लंदन जाने के बारे में सोच रहे थे, क्योंकि वे अपनी सफलता का आनंद (यहां) नहीं ले पा रहे थे। हम उनकी इस परेशानी को समझते हैं, क्योंकि वे जो कुछ भी करते हैं, वह ध्यान खींचता है। हम लगभग अलग-थलग पड़ जाते हैं।’