Vinesh Phogat Medal Case CAS Verdict: पेरिस ओलंपिक में खुद के लिए और देश के लिए पदक जीतने के लिए विनेश फोगाट के करियर का अंतिम मुकाबला आज यानी 13 अगस्त 2024 (पेरिस 2024 के आधिकारिक रूप से समाप्त होने के दो दिन बाद) को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में ‘खेला’ जाएगा। खेल पंचाट न्यायालय ने शनिवार को कहा था कि विनेश फोगाट की साझा रजत पदक के लिए अपील पर मंगलवार को फैसला आ सकता है।
महिला कुश्ती के 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में तय सीमा से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण प्रतिस्पर्धा करने से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, विनेश फोगाट ने खेल से संन्यास की घोषणा की। विनेश फोगाट ने पिछले गुरुवार को सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वह खेल से संन्यास ले लेंगी। उन्होंने लिखा, ‘मेरी हिम्मत टूट गई है, अब मुझमें और ताकत नहीं है। अलविदा कुश्ती, 2001-2024।’
हालांकि, विनेश फोगाट ने पदक के लिए लड़ने का फैसला किया। विनेश फोगाट ने भारतीय ओलंपिक संघ की मदद से साझा रजत पदक दिए जाने के लिए CAS का दरवाजा खटखटाया। वर्तमान में अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट पेरिस ओलंपिक 2024 की महिला 50 किग्रा भार वर्ग की स्वर्ण पदक विजेता हैं। वहीं युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को रजत पदक मिला है। विनेश फोगाट ने सेमीफाइनल में युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को ही हराया था।
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को फिलहाल सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा। कोर्ट ऑफ एट्रिब्यूशन फॉर स्पोर्ट्स ने विनेश फोगाट के केस में मामले की सुनवाई को 16 अगस्त तक टाल दिया गया। पहले यह फैसला 13 अगस्त को रात साढ़े नौ बजे आना था। हालांकि अब यह फैसला 16 अगस्त की रात को सुनाया जाएगा।
केडी जाधव ओलंपिक पदक विजेताओं की सूची में शामिल होने वाले स्वतंत्र भारत के पहले एथलीट (व्यक्तिगत वर्ग की स्पर्धा) थे। उन्होंने हेलसिंकी में आयोजित 1952 के ओलंपिक खेलों में कुश्ती में कांस्य पदक जीता था। भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी सिडनी 2000 में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
भारत ने अब तक ओलंपिक में 41 पदक जीते हैं। दिलचस्प बात यह है कि 1900 के ओलंपिक में नॉर्मन प्रिकॉर्ड के दोहरे रजत पदक ने भारत का खाता खोला था, जो पेरिस में ही आयोजित किया गया था।
हालांकि, भारत पेरिस ओलंपिक 2024 से खुशियों से ज्यादा दुख लेकर विदा हुआ, क्योंकि भारत छह संभावित पदकों से बहुत कम अंतर से चूक गया। भारत के 6 एथलीट अपने-अपने इवेंट में चौथे स्थान पर रहे। इसमें लक्ष्य सेन, मीराबाई चानू और मनु भाकर शामिल थे। ये सभी पदक जीत सकते थे। ऐतिहासिक फाइनल से पहले विनेश फोगाट का अयोग्य घोषित होना भी भारत के दुख को और बढ़ा गया।
इसके बाद भारतीय पहलवान अमन सहरावत कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर देश के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता बन गए। उन्होंने पीवी सिंधु का रिकॉर्ड तोड़ा। अमन ने 21 साल 24 दिन की उम्र में मेडल जीता। पीवी सिंधु 21 साल एक महीने और 14 दिन की उम्र में रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।
स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतकर भारत की पदक तालिका में इजाफा किया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस 2024 में कांस्य पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक की सफलता की बराबरी की, जबकि नीरज चोपड़ा पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीतकर सबसे सफल व्यक्तिगत भारतीय ओलंपियन बन गए।
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत के पदकों की शुरुआत की। भारतीय निशानेबाज ने कांस्य पदक जीता और ओलंपिक निशानेबाजी पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 22 वर्षीय मनु भाकर ने सरबजोत सिंह के साथ मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता। इसके साथ ही उन्होंने ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया।
भारत ने 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चले पेरिस ओलंपिक में 117 खिलाड़ियों का दल भेजा था, लेकिन केवल 6 पदक (एक रजत और पांच कांस्य) ही उसके हिस्से में आये। भारत पेरिस ओलंपिक पदक तालिका में 71वें स्थान पर रहा, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका कुल 126 पदकों के साथ शीर्ष स्थान पर रहा।
खेल पंचाट न्यायालय (CAS) खेलों से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए समर्पित सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण है। इसका गठन 1984 में हुआ था। CAS किसी भी खेल संगठन से स्वतंत्र है और खेल पंचाट की अंतरराष्ट्रीय परिषद (ICAS) के अधिकार के तहत काम करता है। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लुसाने में है। न्यूयॉर्क शहर और सिडनी में भी इसकी शाखाएं हैं। CAS खेल से संबंधित विवादों की एक विस्तृत श्रृंखला को संभालता है। इसमें एथलीट, कोच, खेल संगठन और प्रायोजक शामिल हैं। दुनिया भर के लगभग 300 मध्यस्थों के पैनल के साथ, CAS खेल उद्योग के भीतर जटिल कानूनी मामलों में विशेषज्ञ निर्णय प्रदान करता है। खेलों में निष्पक्षता, अखंडता और पारदर्शिता बनाए रखने में न्यायालय की भूमिका महत्वपूर्ण है। विवाद समाधान के लिए एक तटस्थ और निष्पक्ष मंच प्रदान करके, CAS शामिल सभी पक्षों के अधिकारों की रक्षा करने में मदद करता है और खेल जगत के समग्र विकास में योगदान देता है।
ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अमित एलोर ने वजन घटाने की प्रथाओं की कड़ी निंदा की है, खासकर महिला कुश्ती में। USA TODAY स्पोर्ट्स के साथ एक साक्षात्कार में, एलोर ने इस प्रक्रिया को ‘खेल का काला पक्ष’ बताया, जिसमें एथलीट्स पर पड़ने वाले अनावश्यक शारीरिक और मानसिक बोझ को उजागर किया। पहलवान ने तेजी से वजन घटाने के संभावित दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों के बारे में चिंता जाहिर की, खासकर युवा एथलीट्स के लिए। एलोर ने इस बात पर जोर दिया कि वजन घटाने को बढ़ावा या प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एथलीट के समग्र स्वास्थ्य और प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस हानिकारक प्रथा के खिलाफ बोलकर, एलोर उन एथलीट्स और समर्थकों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गए हैं जो एथलीट के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए खेल में बदलाव की मांग कर रहे हैं। मंगलवार रात 68 किलोग्राम में स्वर्ण जीतने वाले एलोर ने कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जिसे कई बार, अगर आप गलत समय पर गलत जगह पर हैं, तो वास्तव में बढ़ावा दिया जा सकता है और यह बहुत अनावश्यक है- खासकर कम उम्र में।’
भारतीय प्रशंसक खेल पंचाट न्यायालय (CAS) द्वारा भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में संयुक्त रजत पदक दिए जाने के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराने वाले नियम तर्क और खेल भावना के खिलाफ हैं। विनेश फोगाट के अयोग्य ठहराए जाने से न केवल भारत में बल्कि कुश्ती जगत में भी काफी हंगामा हुआ, जिसमें दिग्गज अमेरिकी पहलवान जॉर्डन बरोज ने विनेश को रजत पदक दिलाने के अभियान का नेतृत्व किया।
पेरिस ओलंपिक में जापान के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती चैंपियन री हिगुची ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को अपना समर्थन दिया है। हिगुची ने अमेरिकी स्पेंसर रिचर्ड ली पर 4-2 की जीत के साथ स्वर्ण पदक जीता। री हिगुची टोक्यो ओलंपिक 2020 में 50 ग्राम वजन अधिक पाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिए गए थे। हालांकि, अब पेरिस की जीत के बाद री हिगुची ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए और अपने समर्थन की पेशकश की।
विनेश की कानूनी टीम में फ्रांसीसी वकील जोएल मोनलुइस, एस्टेले इवानोवा, हैबिन एस्टेले किम और चार्ल्स एमसन शामिल हैं, जिन्होंने आवेदन दाखिल करने के दौरान उनकी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मदद की। इन लोगों की सेवाएं उन्हें पेरिस बार द्वारा प्रदान की गईं हैं और वे मामले को निःशुल्क संभाल रहे हैं। इसके अलावा, मामले में उनकी मदद करने के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया को भी शामिल किया गया है।
विनेश ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू के फैसले के खिलाफ अपील की, जिसमें तर्क दिया गया कि उन्हें क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमैन लोपेज के साथ संयुक्त रूप से रजत पदक दिया जाना चाहिए। विनेश ने सेमीफाइनल में युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को ही हराया था, लेकिन बाद में भारतीय पहलवान की अयोग्यता के बाद उन्हें फाइनल में खेलने का मौका दिया गया। अयोग्य ठहराए जाने के एक दिन बाद, विनेश फोगाट ने खेल से संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि उनमें आगे खेलने की ताकत नहीं है।
पिछले मंगलवार को जापान की दिग्गज पहलवान यूई सुसाकी पर शानदार जीत के साथ अभियान की शुरुआत करने के बाद विनेश फोगाट महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में पहुंच गई थीं, लेकिन अगले दिन उन्हें अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ स्वर्ण पदक मुकाबले से वंचित कर दिया गया, क्योंकि वह प्रतियोगिता की सुबह होने वाली वजन प्रक्रिया के दौरान तय सीमा से थोड़ा ऊपर (100 ग्राम वजन ज्यादा निकला) थीं।
पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन कम करने से चूकने के कारण अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ विनेश फोगाट की अपील का मंगलवार को समाधान हो जाएगा, क्योंकि खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए तैयार है।
आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार को कहा था कि विनेश प्रकरण को लेकर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की मेडिकल टीम, खासकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला पर कोई भी हमला अस्वीकार्य है।
विनेश फोगाट की कानूनी टीम और आईओए (Indian Olympics Association) का एक तर्क यह है कि प्रतियोगिता के पहले दिन वह तय वजन सीमा से कम वजन की थीं, जहां वह 50 किग्रा के फाइनल में पहुंची थीं। अगर CAS आज विनेश फोगट के पक्ष में फैसला देता है तो उन्हें युस्नेलिस गुजमैन लोपेज के साथ संयुक्त रूप से रजत पदक से सम्मानित किए जाएगा।
रेपेचेज राउंड में जापान की यूई सुसाकी (पहले राउंड में विनेश से हारने वाली) ने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराकर कांस्य पदक जीता, जबकि कांस्य पदक के मुकाबले में चीन के फेंग जिकी ने ओटगोनजार्गल डोलगोरजाव को हराकर कांस्य पदक जीता। कुश्ती के नियमानुसार, रेपेचेज में उसी पहलवान को खेलने को मौका मिलेगा, जिसका प्रतिद्वंद्वी फाइनल में पहुंच गया हो। ऐसे में सवाल यह है कि जब विनेश फोगाट को फाइनल में पहुंचा माना ही नहीं गया तो यूई सुसाकी को किस आधार पर रेपेचेज में खेलने का मौका दिया गया।
समाचार एजेंसी एएनआई ने आईओए के बयान का हवाला देते हुए संकेत दिया कि फैसले में देरी हुई है। आईओए ने कहा, सीएएस के एडहॉक डिपार्टमेंट ने विनेश फोगट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ डॉ. एनाबेले बेनेट को फैसला सुनाने के लिए 11 अगस्त, 2024 को शाम 6:00 बजे तक का समय दिया है। तर्कसंगत आदेश बाद में जारी किया जाएगा।
2028 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी लॉस एंजिल्स द्वारा की जाएगी। लॉस एंजिल्स दुनिया का तीसरा ऐसा शहर बन जाएगा जो तीन बार ओलंपिक खेलों की मेजबानी करेगा। उसने 1932 और 1984 में भी ओलंपिक खेलों की मेजबानी की थी। लॉस एंजिल्स ओलंपिक इस बार दो सप्ताह पहले शुरू होंगे। इसका उद्घाटन समारोह शुक्रवार, 14 जुलाई को होगा।
CAS का फैसला कल तक आ जाएगा! यह आज भी आ सकता है! अगर यह विनेश के पक्ष में जाता है, तो हम पेरिस 2024 खेलों में भारत को टोक्यो 2020 के पदकों की बराबरी करते हुए देखेंगे। टोक्यो में भारत ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था! प्रशंसक यह भी उम्मीद कर रहे होंगे कि फैसला जो भी हो, विनेश संन्यास का फैसला वापस लेकर जल्द ही एक्शन में लौट आएं!
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि अगर वह पदक जीततीं है तो यह वास्तव में अच्छा होगा। अगर ऐसी स्थिति नहीं आती तो उन्हें पदक मिल जाता। अगर हमें पदक नहीं मिलता है, तो लोग हमें कुछ समय के लिए याद रखते हैं और कहते हैं कि हम उनके चैंपियन हैं, लेकिन कुछ समय बाद वे हमें भूल भी जाते हैं...मैं लोगों से बस इतना अनुरोध करना चाहता हूं कि वे यह न भूलें कि विनेश ने देश के लिए क्या किया है।’
नीरज चोपड़ा ने विनेश फोगट को लेकर कहा- मैंने अब तक विनेश से बात नहीं की है। लेकिन उन्होंने पेरिस में जो कुछ भी किया है, वह एक मिसाल है। यूई सुसाकी को हराना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। उसके बाद भी उन्होंने जो कुछ किया, मैं कुश्ती के नियमों को अच्छी तरह से नहीं समझता। लेकिन, वह आत्मविश्वास से स्वर्ण पदक की ओर बढ़ रही थीं। लेकिन फिर, यह हुआ। मैं सुबह नाश्ता कर रहा था जब मुझे यह पता चला। वास्तव में बहुत दुख हुआ।
हरियाणा में कई खाप पंचायतों ने रविवार को महिला पहलवान विनेश फोगाट के समर्थन करते हुए उनके लिए न्याय और उन्हें भारत रत्न दिये जाने की मांग भी की। विनेश को पेरिस ओलंपिक के फाइनल से 100 ग्राम अधिक वजन का पाये जाने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। खाप पंचायतों (जाति के आधार पर) ने हरियाणा के चरखी दादरी में ‘सर्व खाप महापंचायत’ की। सभी ने विनेश से कुश्ती से संन्यास लेने के अपने फैसले की समीक्षा करने की भी अपील की। महापंचायत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांगवान खाप के प्रमुख सोमबीर सांगवान ने कहा कि पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के मौजूदा जज से करवाई जानी चाहिए और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। मामले में किसी साजिश के सवाल पर सोमबीर सांगवान ने जानना चाहा कि उनका वजन अचानक कैसे बढ़ गया। उन्होंने कहा कि उनके साथ कई लोग थे और यह उनकी जिम्मेदारी थी कि उनका वजन नहीं बढ़े। खाप की मांगों को पढ़ते हुए सांगवान ने कहा कि विनेश की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विनेश को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला खिलाड़ी को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए। दादरी विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि उन्होंने पहलवान से अपना खेल जारी रखने की अपील की है। विनेश फोगाट को राजनीति में आना चाहिए या नहीं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उन पर निर्भर करता है। खाप पंचायतों ने यह भी घोषणा की कि वे एक समारोह आयोजित करके उनका सम्मान करेंगे।
ऐसा लग रहा था कि विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने आलोचकों को गलत साबित करने के मिशन पर थीं। लेकिन यह उनके शानदार कुश्ती करियर का निराशाजनक अंत साबित हुआ, जो बिना ओलंपिक पदक के खत्म हो गया। अंतिम पंघाल को अनुभवी पहलवान के सामान्य भार वर्ग में शामिल किए जाने के बाद, उन्होंने 50 किग्रा भार वर्ग में पेरिस 2024 के लिए क्वालिफाई किया। उनका पहला मुकाबला टोक्यो 2020 चैंपियन यूई सुसाकी के खिलाफ था, जो 2010 से अजेय थीं। उन्होंने टोक्यो में एक भी अंक गंवाए बिना स्वर्ण पदक जीता था। यूई सुसाकी के खिलाफ 0-2 से पीछे और 40 सेकंड से भी कम समय शेष रहते विनेश फोगाट ने असंभव को संभव कर दिखाया। उन्होंने यूई सुसाकी के खिलाफ 3-2 से जीत दर्ज की। ठीक एक साल पहले, वह नई दिल्ली में पूर्व WFI प्रमुख बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। अब उन्होंने महान सुसाकी के खिलाफ जीत दर्ज की थी! विनेश फोगाट ने फिर क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लियाच को हराया, उसके बाद सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुजमैन के खिलाफ आसान जीत दर्ज की। लेकिन फाइनल वाले दिन की सुबह उनका वजन 100 ग्राम अधिक निकला, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया! अब संयुक्त रजत पदक के लिए CAS में अपील दायर की गई है। 29 वर्षीय ने अपने संन्यास का ऐलान कर दिया है। CAS ने अपना फैसला 13 अगस्त तक के लिए टाल दिया है। अगर यह विनेश फोगाट के पक्ष में आता है तो भारत की पेरिस 2024 पदक तालिका सात हो जाएगी। विनेश फोगट के नाम दो विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक, राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण और एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में कई पदक हैं।
पीटी उषा ने एक बयान में कहा, ‘...आईओए की मेडिकल टीम, खासकर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला के प्रति घृणा अस्वीकार्य और निंदा के योग्य है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि आईओए मेडिकल टीम पर फैसला सुनाने वाले लोग ‘किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे।’
पीटी उषा ने एक बयान में कहा, ‘...कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में एथलीट्स के वजन का प्रबंधन की जिम्मेदारी संबंधित खिलाड़ी और उसके कोच की होती है, न कि आईओए द्वारा नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।’
विनेश फोगाट के वजन मापने के विवाद की आलोचना करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार को स्पष्ट किया कि वजन का प्रबंधन करना एथलीट की जिम्मेदारी है और इसकी मेडिकल टीम, खासकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला पर हमला 'अस्वीकार्य और निंदा के योग्य' है। 29 वर्षीय विनेश उस समय बहुत दुखी हो गई थीं, जब 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें फ्रीस्टाइल 50 किग्रा में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिससे उनका ओलंपिक सपना टूट गया और उन्हें संन्यास की घोषणा करनी पड़ी।