भारतीय रेसलर विनेश फोगाट बुधवार को पेरिस ओलंपिक में अपने गोल्ड मेडल मैच से पहले डिस्क्वालिफाई हो गईं। विनेश फोगाट डिस्क्वालिफाई होने के बाद  अस्पताल में भर्ती हैं। विनेश की तबियत ठीक नहीं है और वह बेहोश हो गई थीं। इसी कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

विनेश फोगाट पूरी रात सोईं नहीं थीं। वह अपना वजन कम करने की कोशिश कर रही थीं। उन्होंने पूरी रात न ही पानी पिया और न ही कुछ खाया। इसी कारण उन्हें बहुत कमजोरी हो गई थी। वह वजन कराने के बाद बेहोश हो गई थीं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीटी उषा उनसे मिलने अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने बताया कि विनेश ठीक हैं लेकिन उन्हें दुख है कि वह मेडल नहीं जीत पाईं।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

पेरिस ओलंपिक में भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के डिसक्वालीफाई होने पर पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। आज की घटना दुख देने वाली है। काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हूं। साथ ही मैं जानता हूं कि आप लचीलेपन की प्रतिमूर्ति हैं। चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है। मजबूत होकर वापसी करो! हम सब आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।’

पीएम ने पीटी उषा से की बात

उन्होंने इस पूरे मुद्दे को समझने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा से भी बात की और इस मुद्दे पर पहली जानकारी ली और विनेश के मेडल चूकने के बाद भारत के विकल्पों के बारे में जाना।

खेल मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान

भारतीय खेल मंत्री ने लोकसभा में बताया कि विनेश फोगाट ने फाइनल में जगह बनाई थी और इतिहास रचा। उन्होंने कहा, ‘विनेश को बुधवार 7 अगस्त की रात करीब 10 बजे गोल्ड मेडल के लिए अमेरिकी रेसलर सारा एन हिल्डरब्रांट से मुकाबला करना था। जहां तक उनकी तैयारी हेतु सहायता का सवाल है, भारत सरकार ने विनेश फोगाट को हर संभव सहायता दी है। उनके लिए निजी स्टाफ नियुक्त किए गए हैं जो अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। उनके साथ हंगरी के कोच वोलेर अकोस और फिजियो अश्विनी पाटिल हमेशा रहते हैं। ओलंपिक के लिए अतिरिक्त व्यक्तिगत सहायक स्टाफ जैसे विभिन्न स्पारिंग पार्टनर्स, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग विशेषज्ञ, के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई।’

खेल मंत्री ने आगे कहा, ‘पेरिस ओलंपिक के लिए विनेश को कुल 70.45 लाख रुपये दिए गए। इनमें टॉप्स के तहत 53.35 लाख रुपये और ACTC के तहत 17.10 लाख रुपये दिए गए। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक के लिए 1.66 करोड़ रुपये दिए गए थे। वहीं बुल्गारिया में 23 दिनों की ट्रेनिंग के लिए 5.44 लाख रुपये दिए गए, बुडापेस्ट में 16 दिनों की ट्रेनिंग 10.54 लाख रुपये दिए गए।’