भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा कुश्ती के संचालन के लिए नियुक्त तदर्थ समिति के एक सदस्य का कहना है कि वह समिति को प्रस्ताव देंगे कि अगर बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट विश्व चैंपियनशिप के लिए आगामी ट्रायल हार जाते हैं तो उन्हें भारत की एशियाई खेलों की टीम से हटा दिया जाए। बजरंग पूनिया (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा) और विनेश फोगाट (महिला 53 किग्रा) एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश दिया गया है।
ओलंपिक के अन्य 16 वजन श्रेणियों में खिलाड़ियों का चयन नई दिल्ली में 22 और 23 जुलाई को हुए ट्रायल के नतीजे के आधार पर हुआ। दिल्ली में 21 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना देने वाले बजरंग, विनेश और चार अन्य पहलवानों ने ट्रायल की तैयारी के लिए 10 अगस्त तक का समय मांगा था। एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) ने हालांकि कुश्ती की प्रविष्टियां भेजने की समय सीमा 23 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाई।
तदर्थ समिति के बजरंग और विनेश को एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए छूट देने के फैसले की काफी आलोचना हुई है। कुश्ती बिरादरी के एक वर्ग ने इसे पक्षपातपूर्ण करार दिया है। समिति के एक सदस्य ज्ञान सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हम समिति को प्रस्ताव देंगे कि बजरंग और विनेश के विश्व चैंपियनशिप ट्रायल जीतने पर ही उन्हें एशियाई खेलों के लिए भेजा जाए, अन्यथा नहीं। अगर बजरंग ट्रायल हारते हैं तो वह स्टैंड-बाई पर होंगे और एशियाई खेलों के ट्रायल के विजेता (विशाल कालीरमन) चीन जाएंगे।’
अभी विशाल कालीरमन और अंतिम पंघाल हैं स्टैंडबाई खिलाड़ी
कालीरमन (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा) और अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) स्टैंडबाई खिलाड़ी हैं। इन दोनों ने उन श्रेणियों में एशियाई खेलों के ट्रायल जीते हैं जिनमें बजरंग और विनेश प्रतिस्पर्धा करते हैं। विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल के लिए एशियाई खेलों के ट्रायल में शीर्ष-4 पर रहने वाले पहलवानों के अलावा विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे 6 पहलवानों (अपने-अपने भार वर्ग में) को शामिल किया जाएगा।
ज्ञान सिंह ने कहा, ‘हम प्रस्ताव कर रहे हैं कि 22 और 23 जुलाई को हुए ट्रायल के सेमीफाइनल में हारने वाले पहलवानों के बीच एलिमिनेटर मुकाबला कराया जाए। एलिमिनेटर का विजेता ट्रायल के विजेता को चुनौती देगा। छूट प्राप्त पहलवान ट्रायल के फाइनल में हारने वाले पहलवान का सामना करे।
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद इन दोनों मुकाबले के विजेताओं को विश्व चैंपियनशिप की टीम में जगह बनाने के लिए एक-दूसरे का सामना करना चाहिए। हम तदर्थ समिति की अगली बैठक में यही प्रस्ताव रखने जा रहे हैं। देखते हैं कि क्या वे सहमत होते हैं।’
साक्षी, संगीता, सत्यव्रत और जितेंद्र किन्हा ने नहीं लिया ट्रायल्स में हिस्सा
बजरंग और विनेश के अलावा, जिन अन्य पहलवानों को इन समूहों में रखा जाएगा, उसमें साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान, जितेंद्र किन्हा और बजरंग की पत्नी संगीता फोगाट शामिल हैं। साक्षी, संगीता, कादियान और किन्हा ने एशियाई खेलों के ट्रायल में हिस्सा नहीं लिया है।
ज्ञान सिंह ने कहा कि इन 6 पहलवानों में से किसी ने अब तक उन्हें यह नहीं बताया है कि वे विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करेंगे या नहीं। उन्होंने बताया कि गैर ओलंपिक भार वर्ग में ओपन ट्रायल का आयोजन होगा। वहां सभी पात्र उम्मीदवारों को प्रतिस्पर्धा करने की मंजूरी दी जाएगी। सभी के लिए दो किलोग्राम तक की छूट होगी।
पुरुषों की फ्री स्टाइल में गैर-ओलंपिक वजन श्रेणियां 61 किग्रा, 70 किग्रा, 79 किग्रा और 92 किग्रा हैं जबकि महिलाओं की कुश्ती में यह 55 किग्रा, 59 किग्रा, 65 किग्रा और 72 किग्रा हैं। ग्रीको रोमन शैली में 55 किग्रा, 63 किग्रा, 72 किग्रा, 82 किग्रा हैं। एशियाई खेलों का ट्रायल जीत चुके पहलवानों ने हालांकि एक और ट्रायल के आयोजन को अनुचित करार दिया।
एशियाई खेलों का ट्रायल जीतने वाले एक पहलवान ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘हमने अभी-अभी एक ट्रायल को पूरा किया है। अब हम खेलों की तैयारी के प्रशिक्षण लें या फिर से एक और ट्रायल (विश्व चैंपियनशिप के लिए) की तैयारी शुरू करें। यह शरीर के लिए काफी मुश्किल होता है। हमारे लिए वजन घटाने के बारे में चिंतित रहने के बजाय अब बड़े टूर्नामेंट की तैयारी शुरू करने का समय आ गया है। इसका शरीर पर असर पड़ता है।’ ज्ञान सिंह ने कहा कि हर पहलवान को ट्रायल में हिस्सा लेना होगा।