विजय हजारे ट्रॉफी 2021 में पृथ्वी शॉ और देवदत्त पडिक्कल सहित कई बल्लेबाजों ने धमाकेदार बल्लेबाजी की। पृथ्वी ने टूर्नामेंट में 827 रन बनाए। वे एक सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए। देवदत्त पडिक्कल ने 737 रन बनाकर मयंक अग्रवाल का रिकॉर्ड तोड़ा था। मयंक ने 2017-18 सीजन में 723 रन बनाए थे। पृथ्वी ने पडिक्कल को भी पीछे छोड़ दिया। पृथ्वी इंग्लैंड से बाहर खेले जाने वाले लिस्ट-ए टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
इसके अलावा भी टूर्नामेंट में कई रिकॉर्ड बने। पृथ्वी किसी लिस्ट-ए क्रिकेट टूर्नामेंट के एक सीजन में तीन बार 150 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने 227*, 185* और 165 का स्कोर बनाया। खास बात ये है कि पृथ्वी ने कप्तान के तौर अपने शुरुआती तीन मैचों में यह स्कोर बनाया। इस मामले में मुंबई के कप्तान ने इंग्लैंड के जेम्स विंस और ऑस्ट्रेलिया के एरॉन फिंच की बराबरी कर ली है। दूसरी ओर, कर्नाटक के ओपनर पडिक्कल ने इस सीजन में 152, 126*, 145* और 101 रन की पारी खेली। वे किसी लिस्ट-ए टूर्नामेंट के एक सीजन में लगातार चार मैचों में शतक लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं।
पडिक्कल ने श्रीलंका के कुमार संगकारा और दक्षिण अफ्रीका के अलविरो पीटरसन की बराबरी कर ली है। संगकारा ने 2015 वर्ल्ड कप में लगातार चार शतक लगाए थे। वहीं, पीटरसन ने लायंस टीम के लिए मोमेंटनम वनडे कप 2015-16 में लगातार चार शतक लगाए थे। पडिक्कल विजय हजारे ट्रॉफी के किसी एक सीजन में चार शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं। विराट कोहली और पृथ्वी शॉ भी ऐसा कर चुके हैं। पृथ्वी ने पुडुचेरी के खिलाफ 227 रनों की नाबाद पारी खेली थी। यह विजय हजारे ट्रॉफी में किसी बल्लेबाज का हाइएस्ट स्कोर था। उन्होंने संजू सैमसन (212*) को पीछे छोड़ा।
पृथ्वी कप्तान के तौर पर लिस्ट ए में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज भी बने। उन्होंने ग्रीम पोलॉक (222*) का रिकॉर्ड तोड़ा। दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम पोलॉक ने 1974-75 में इस्टर्न प्रोविंस की ओर से खेलते हुए बॉर्डर के खिलाफ यह स्कोर बनाया था। पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी की बदौलत मुंबई ने 4 विकेट पर 457 रन बनाए। यह लिस्ट-ए क्रिकेट में किसी टीम का चौथा सबसे बड़ा स्कोर है। वहीं, भारत में पहली बार लिस्ट-ए में 450 से ज्यादा रन बने।
पडिक्कल और रविकुमार समर्थ ने टूर्नामेंट में 945 रनों की साझेगदारी की। विजय हजारे ट्रॉफी के एक सीजन में किसी जोड़ी द्वारा ये सबसे बड़ी साझेदारी है। पिछले 15 साल में किसी एक टूर्नामेंट में 900 से ज्यादा रनों की साझेदारी करने वाली ये इकलौती जोड़ी है। उत्तर प्रदेश के माधव कौशिक ने फाइनल में 158 रन बनाए। यह किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा लिस्ट-ए के फाइनल में बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। उन्होंने मुरली विजय को पीछे छोड़ा। विजय ने 2012 में एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्रॉफी में इंडिया-बी के लिए 155 रन बनाए थे। क्वार्टरफाइनल में कर्नाटक के कप्तान रविकुमार समर्थ ने 192 रन बनाए। नॉकआउट मैच में किसी भारतीय का ये सबसे बड़ा स्कोर है।
झारखंड के कप्तान इशान किशन ने मध्य प्रदेश के खिलाफ विकेटकीपिंग करते हुए 7 कैच लिए। किसी लिस्ट-ए मैच में भारतीय द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा कैच की उन्होंने बराबरी कर ली। इससे पहले महेश रावत ने रेलवे के लिए 2012 में मध्य प्रदेश के खिलाफ 7 कैच लपके थे। मुंबई चौथी बार विजय हजारे ट्रॉफी जीतने में सफल रहा। सिर्फ तमिलनाडु ने उससे ज्यादा 5 टाइटल जीते हैं। किसी भी टीम ने विजय हजारे के फाइनल में 250 से ज्यादा रन चेज नहीं किए थे। मुंबई ने 313 रन चेज कर लिए।