पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने वेस्टइंडीज से सीरीज में 3-2 से हार के बाद हार्दिक पंड्या और भारतीय टीम पर निशाना साधा है। उन्होंने कप्तान और मैनेजमेंट को टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने टीम सेलेक्शन में निरंतरता न होने की भी बात कही है। साथ ही कहा कि जी हुजूरी करने वाले लोगों की जरूरत नहीं है। अपने फेवरेट प्लेयर अंधे न हो जाएं। वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया की पांचवें मैच में हार के बाद वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि टीम इससे पहले बांग्लादेश से वनडे सीरीज हारी थी। उन्हें बचकाने बयान देने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए।

टीम इंडिया की हार के बाद वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट करके कहा, ” भारत पिछले कुछ समय से सीमित ओवरों की बेहद सामान्य टीम रही है। उन्हें उस वेस्टइंडीज टीम से हार का सामना करना पड़ा है जो कुछ महीने पहले टी20 विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने में असफल रही थी। हम बांग्लादेश से भी वनडे सीरीज हारे हैं। आशा है कि वे बचकाने बयान देने के बजाय आत्ममंथन करेंगे।”

हम भ्रम में रहते हैं

एक यूजर ने उनके ट्वीट पर लिखा कि सर वह 50 ओवर का वर्ल्ड कप था, लेकिन टीम के प्रदर्शन को लेकर आपके बयान से सहमत हूं। इसपर वेंकटेश प्रसाद ने कहा, “सिर्फ 50 ओवर ही नहीं, वेस्टइंडीज पिछले अक्टूबर-नवंबर में टी20 विश्व कप के लिए भी क्वालिफाई करने में असफल रहा था। यह देखकर दुख होता है कि भारत खराब प्रदर्शन कर रहा है और प्रक्रिया की आड़ में इसे दबा दिया जाता है। वह भूख, आग गायब है और हम भ्रम में रहते हैं।”

जवाबदेह होने की जरूरत

एक यूजर ने वेंकटेश प्रसाद से टीम इंडिया के टी20 कप्तान और टीम मैनेजमेंट पर राय मांगा। इसपर उन्होंने कहा, “वे पराजय के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें जवाबदेह होने की जरूरत है। प्रक्रिया और ऐसे शब्दों का अब दुरुपयोग होता है। एमएस (महेंद्र सिंह धोनी) इसपर ध्यान देते थे, अब बस इस शब्द का प्रयोग करते हैं। चयन में कोई निरंतरता नहीं है, बेतरतीब चीजें बहुत ज्यादा हो रही हैं।”

अपने पसंदीदा खिलाड़ी को लेकर अंधे न हो जाएं

वेंकटेश प्रसाद ने यह भी कहा, “भारत को अपने कौशल में सुधार करने की जरूरत है। उनमें हंगर और इंटेंसिटी की कमी दिखती है और अक्सर कप्तान बेखबर दिखते हैं। गेंदबाज बल्लेबाजी नहीं कर सकता, बल्लेबाज गेंदबाजी नहीं कर सकता। यह महत्वपूर्ण है कि आप हां में हां मिलाने वाले लोगों की तलाश में न रहें और अपने पसंदीदा खिलाड़ी को लेकर अंधे न हो जाएं, बल्कि टीम का हित देखें।”