उत्तर प्रदेश के एक किसान की बेटी रूपल चौधरी विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। रूपल ने कोलंबिया के कैली में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। इससे पहले उन्होंने 4 गुणा 400 मीटर रिले में रजत पदक हासिल किया था। रूपल भले ही इस प्रतियोगिता के 400 मीटर में भले ही स्वर्ण पदक नहीं जीत पाईं हों, लेकिन हिमा दास जैसी दिग्गज एथलीट के क्लब में शामिल हो गईं।
रूपल विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय हैं। उनसे पहले 2018 में हिमा दास ने 51.46 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता था। रूपल महज 0.40 सेकेंड के अंतर से हिमा का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गईं। हिमा दास U-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय हैं।
रूपल चौधरी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के शाहपुर जैनपुर गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता किसान हैं। बेहतरीन फॉर्म में चल रही 17 साल की रूपल चौधरी ने 3 दिन के अंदर 400 मीटर की 4 दौड़ में हिस्सा लिया। गुरुवार 4 अगस्त 2022 की रात महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में रूपल ने 51.85 सेकंड के समय के साथ ग्रेट ब्रिटेन की यमी मैरी जॉन (51.50) और कीनिया की दमारिस मुटुंगा (51.71) के बाद तीसरा स्थान हासिल किया।
इससे पहले रूपल उस रिले टीम का हिस्सा थीं, जिसने मंगलवार को 4 गुणा 400 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। भारतीय टीम ने तीन मिनट 17.76 सेकंड का समय लेकर एशियाई जूनियर रिकॉर्ड बनाया था। भारतीय टीम अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रही थी। रूपल ने उसी दिन व्यक्तिगत 400 मीटर दौड़ के पहले दौर में हिस्सा लिया था। उसके बाद बुधवार को वह सेमीफाइनल और गुरुवार को फाइनल में उतरी थीं।
रूपल ने चैंपियनशिप में दो बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। पहली बार सेमीफाइनल में उन्होंने 52.27 सेकंड का समय निकाला। फिर फाइनल में सुधार करते हुए 51.85 सेकंड के साथ कांस्य पदक जीता। रूपल ने इस साल के शुरू में खिताब की प्रबल दावेदार कर्नाटक की प्रिया मोहन को पीछे छोड़ कर राष्ट्रीय अंडर-20 फेडरेशन कप एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।
U-20 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं नीरज चोपड़ा
ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने 2016 में पोलैंड में खेली गई प्रतियोगिता में सोने का तमगा जीता था। रूपल का कांस्य पदक भारत का चैंपियनशिप में कुल नौवां पदक है। इस चैंपियनशिप को पहले विश्व जूनियर चैंपियनशिप के नाम से जाना जाता था। भारत ने पिछली बार कीनिया के नैरोबी में खेली गई चैंपियनशिप में दो रजत और एक कांस्य पदक जीता था।