पाकिस्तानी टीम से बाहर चल रहे विकेटकीपर कामरान अकमल को लगता है कि तीन साल का प्रतिबंध झेल रहे उनके छोटे भाई उमर अकमल को सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली से मैदान के अंदर और बाहर के आचरण से सीख लेनी चाहिए। उमर पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पाकिस्तान सुपर लीग से पहले सट्टेबाजों से संपर्क करने की जानकारी नहीं देने के लिए तीन साल का प्रतिबंध लगाया है।
कामरान ने Cow Corner Chronicles के कार्यक्रम में कहा, ‘मेरी उमर को सलाह है कि उसे सीख लेनी चाहिए। अगर उसने गलती की है तो उसे दूसरों से सीखना चाहिए। वह अभी युवा है। जिंदगी में कई बार विपरीत परिस्थितियां आती हैं। लेकिन उसे विराट कोहली से जरूर सीख लेनी चाहिए। आईपीएल (Indian Premier league) के शुरुआती दिनों में विराट अलग तरह का इंसान था। इसके बाद उसने अपना रवैया बदला। अब देखो वह कैसे विश्व का नंबर एक बल्लेबाज बन गया है।’
कामरान ने कहा कि उनका छोटा भाई तेंदुलकर और धोनी के व्यवहार से भी सीख ले सकता है जो हमेशा विवादों से दूर रहे। उन्होंने कहा, ‘हमारा खुद का बाबर आजम है जो अभी दुनिया के शीर्ष तीन बल्लेबाजों में शामिल है। दूसरा उदाहरण धोनी का है। देखिये कि किस तरह से उसने अपनी टीम की अगुआई की। सचिन पाजी हैं, जो हमेशा विवादों से दूर रहे। हमारे सामने ये शानदार उदाहरण हैं।’
कामरान ने कहा, ‘हमें उनके आचरण पर ध्यान देकर उनसे सीखना चाहिए। वे केवल खेल पर ध्यान देते हैं। मैदान के बाहर प्रशंसकों के साथ उनका व्यवहार बहुत अच्छा रहा है। वे खेल के शानदार दूत हैं। हम उनका अनुसरण करके फायदे में ही रहेंगे।’
कामरान ने कहा कि उनके छोटे भाई को कड़ी सजा दी गई, जबकि इसी तरह के अपराध के लिए दूसरों को कम सजा दी गई थी। कामरान ने इसके साथ ही उन घटनाओं को याद किया जब वह एशिया कप 2010 में दाम्बुला में गौतम गंभीर फिर 2012-13 में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान इशांत शर्मा से भिड़ गए थे।
उन्होंने कहा, ‘यह गलतफहमी और उस समय मैदान के माहौल की वजह से हुआ। गौतम और मैं अच्छे दोस्त हैं, क्योंकि हमने ‘ए’ क्रिकेट काफी खेली है। हम नियमित तौर पर मिलते हैं और साथ में भोजन करते हैं।’ कामरान ने कहा, ‘यह सब इसलिए हुआ क्योंकि मैं नहीं समझ पाया कि उसने क्या कहा। बेंगलुरु में इशांत के साथ भी ऐसा ही हुआ। आप जानते हैं कि मैं मैदान पर ज्यादा बात नहीं करता। गौतम और इशांत दोनों बहुत अच्छे इंसान है। हम उनका सम्मान करते हैं और वे हमारा सम्मान करते हैं। मैदान पर जो कुछ हुआ वह वहीं तक सीमित है।’