Asia Cup 2025: भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीता था, लेकिन एशिया कप 2025 में कंडीशन अलग हो सकती है। चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान दुबई की पिचें धीमी और थकी हुई लग रही थी, लेकिन अब भारत के सामने अलग चुनौतियां आने वाली हैं।
यूएई में इस वक्त गर्मी अपने चरम पर है और गर्मी को देखते हुए मैच के टाइम को भी आधा घंटा बढ़ा दिया गया है जिससे की तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक आ जाए। भारत के लिए मुख्य रूप से अब दो चुनौतियां इंजतार कर रही है जिसमें एक ओस है और दूसरी दुबई और अबू धाबी की पिच है।
टोनी हेमिंग जो जो 2007 से 2017 तक मुख्य क्यूरेटर थे और आईसीसी इंटरनेशनल अकादमी और दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में पिचों के निर्माण की देखरेख करते थे उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बात की और पिच के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यहां कि पिचें पिछले सालों की तरह से बर्ताव नहीं करेगी। इस वक्त जो मैदान की स्थिति है उससे मुताबिक उन पर घास है और बल्ले पर गेंद बेहतर गति के साथ आएगी।
पहले गेंदबाजी करना होगा अच्छा फैसला
इसके अलावा पूर्व भारतीय खिलाड़ी और सहायक कोच रॉबिन सिंह जो यूएई के मुख्य कोच रह चुके हैं उन्होंने कहा कि यहां गर्मी काफी होगी और ऐसे में पहले गेंदबाजी करना ज्यादा अच्छा फैसला होगा। दुबई में उछाल कम होगा और स्पिनर को भी मदद मिलेगी। रॉबिन ने बताया कि गर्मी में पिच को टूटने से बचाने के लिए दुबई के ग्राउंड स्टाफ आमतौर पर दिन के समय इसे ढक कर रखते हैं। कवर हटा दिए जाने के बाद घास पर नमी होगी जिससे तेज गेंदबाजों को नई गेंद से मूवमेंट मिल सकेगा। स्पिनरों के लिए भी पहला हाफ गेंदबाज़ी करने का सबसे अच्छा समय होगा।
टारगेट का पीछा करना होगा फायदेमंद
रॉबिन सिंह का मानना है कि मैच के दौरान ओस एक बड़ा फैक्टर होगा। उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम अपने मध्य में है इसलिए शाम को ओस जरूर पड़ेगी और इसका मतलब है कि ये एक ऐसा टूर्नामेंट होगा जहां कंडीशन टारगेट का पीछा करने के लिए बिल्कुल मुफीद होगी। कंडीशन निश्चित रूप से बैटिंग के अनुकूल होगी, लेकिन पहले बैटिंग करने वाली टीमों के लिए एक अलग तरह की चुनौती होगी। यानी यहां पर चेज करना ही किसी भी टीम के लिए फायदेमंद होगा।