अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 में शुक्रवार को नेपाल के खिलाफ पहली सेंचुरी लगाने वाले सचिन दास अपने पिता के सपने को पूरा करने की ओर बढ़ रहे हैं। सचिन ने अपने पिता संजय दास के जन्मदिन के मौके पर करियर की पहली सेंचुरी लगाई तो संजय दास ने इस सेंचुरी को अपना स्पेशल बर्थडे गिफ्ट बताया है। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में 51 साल के संजय दास ने कहा है कि यह उनके अभी तक के सभी जन्मदिन का सबसे खास बर्थडे गिफ्ट है।
एक दिन आगे-पीछे है पिता-पुत्र का जन्मदिन
संजय दास ने बताया कि मैं 51 साल का हो गया हूं और कल (3 फरवरी 2024) खुद सचिन का 19वां जन्मदिन है। यह मेरे जीवन का सबसे खास समय है जब मेरे बेटे ने बर्थडे गिफ्ट में सेंचुरी लगाई है। मेरे लिए यह खुशी दोगुनी हो गई है, मैं शनिवार को ही सचिन और अपना जन्मदिन मनाऊंगा। बता दें कि सचिन के पिता संजय दास महाराष्ट्र सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट में काम करते हैं।
बेटे का नाम कैसे रखा सचिन?
संजय दास ने इस बातचीत में आगे बताया कि उन्होंने बेटे का नाम सचिन ही क्यों रखा? उन्होंने बताया कि वह सुनील गावस्कर के बहुत बड़े फैन रहे हैं, लेकिन उन्होंने सचिन के नाम पर अपने बेटे का नाम इसलिए रखा क्योंकि वह चाहते थे कि बड़ा होकर उनका बेटा क्रिकेटर ही बने और उन्हीं की तरह नाम रोशन करे। संजय दास कहते हैं कि आज की पीढ़ी गावस्कर को इतना नहीं जानती लेकिन सचिन को हर कोई जानता है। मेरा बेटा 10 नंबर की जर्सी भी इसीलिए पहनता है क्योंकि वह सचिन को बहुत पसंद करता है।
मां नहीं चाहती थी कि क्रिकेटर बने सचिन
संजय ने आगे बताया कि वह तो सचिन को बचपन से ही क्रिकेटर बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी पत्नी सुरेखा दास नहीं चाहती थीं कि उनका बेटा क्रिकेटर बने, लेकिन जब राज्य स्तर पर सुरेखा ने सचिन का क्रिकेट देखा तो उन्होंने अपना मन बदला। सुरेखा दास खुद अपने समय एथलीट रही थीं। उन्होंने राज्य स्तर पर कबड्डी खेली थी। वर्तमान में सुरेखा महाराष्ट्र पुलिस में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वहीं संजय दास खुद कॉलेज के समय पर खेलते थे।
बता दें कि सचिन दास ने नेपाल के खिलाफ मैच में शुक्रवार को 116 रन की विजयी पारी खेली। उन्होंने 101 गेंद में 11 चौके और 3 छक्के की मदद से 116 रन बनाए। अभी तक वह इस टूर्नामेंट की किसी भी पारी में 20 से ज्यादा गेंद नहीं खेल पाए थे।