कोरोना वायरस के कारण दुनिया थम सी गई है। चीन के बाद इस महामारी का सबसे ज्यादा असर इटली पर पड़ा है। इस वायरस से निपटने के लिए कई देशों में लॉक डाउन का ऐलान हो चुका है। खेल जगत में होने वाली गतिविधियां भी थम गईं हैं। ऐसा तब है जब इस साल जापान की राजधानी टोक्यो में ओलंपिक खेलों का आयोजन भी है। कोरोनावायरस के कारण कई देश इन खेलों को टालने की मांग कर चुके हैं। इस बीच, कनाडा ने सबसे बड़ा फैसला लिया है। उसने इन खेलों में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है।

कनाडा की ओर जारी बयान में कहा गया है कि कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए वह इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में अपने एथलीट्स को नहीं भेजेगा। साथ ही उसने इन खेलों को एक साल तक के लिए टालने की भी मांग की है। टोक्यो में 24 जुलाई से 9 अगस्त तक ओलंपिक खेल होने हैं। हालांकि, वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के कारण इसके आयोजन पर खतरा मंडरा रहा है।

कनाडा की टीम की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘कनाडा ओलंपिक समिति (सीओसी) और कनाडा पैरालंपिक समिति (सीपीसी) ने कनाडा सरकार, एथलीट आयोग और राष्ट्रीय खेल संगठन से चर्चा करने के बाद अपने एथलीट्स को टोक्यो में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में हिस्सा नहीं लेने देने का कठिन फैसला किया है।

बयान के मुताबिक, कोरोनावायरस के खतरे के बीच टोक्यो जाना एथलीट्स और उनके परिजनों के लिए सुरक्षित नहीं है। कनाडा की टीम ने कहा, ‘सीओसी और सीपीसी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी), अंतराराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से तुरंत ओलंपिक खेलों को एक साल तक के लिए टालने की मांग करता है।

इससे पहले अमेरिका और फ्रांस के तैराकी महासंघों ने भी टोक्यो ओलंपिक को टालने की मांग कर चुके हैं। अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति की मुख्य कार्यकारी सारा हिर्शलैंड को भेजे पत्र में अमेरिकी तैराकी महासंघ के मुख्य कार्यकारी टिम हिंचे ने लिखा है कि कोरोनावायरस संक्रमण के चलते टोक्यो ओलंपिक एक साल तक के लिए टालने की पैरवी की जानी चाहिए। उसने यह पत्र ट्विटर पर पोस्ट किया है।