एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान विनेश फोगाट का अगला लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक में पोडियम पर खड़े होकर राष्ट्रगान सुनने का है। विनेश ने हाल ही में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया है। विनेश फौगाट टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं।
विनेश फौगाट ने 2016 रियो ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था, लेकिन तब उनकी पदक जीतने की चाहत पूरी नहीं हो पाई थी, क्योंकि क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान वे चोटिल हो गईं थीं। हालांकि, वह चोट अब भी उनके दिमाग में है। अब उनकी नजर टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने पर है।
विनेश को रियो ओलंपिक में पदक का तगड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन 48 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के क्वार्टर फाइनल के दौरान उनका घुटना बुरी तरह से चोटिल हो गया था। इस कारण उन्हें बीच में ही मैच छोड़ना पड़ा था। यहां तक कि उन्हें स्ट्रेचर पर कोर्ट से बाहर ले जाना पड़ा था। यही वजह थी कि रियो में उनका अभियान निराशाजनक रूप से खत्म हो गया था।
विनेश ने राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि टोक्यो में मैं 6 मिनट के मुकाबले को पूरा करूंगी। रियो में मैं काफी कुछ करना चाहती थी। मैं वहां अपना मुकाबला पूरा नहीं कर पाई। मेरे दिमाग में कई चीजें चल रही है। नतीजा चाहे जो भी हो, मैं हारूं या जीतूं, मैं पूरे छह मिनट तक मुकाबला करना चाहती हूं।’
हरियाणा की 25 साल की इस पहलवान ने पिछले साल गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियाई खेलों में 50 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने हाल ही में संपन्न हुई विश्व चैम्पियनशिप में 53 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। विनेश का मानना है कि 50 से 53 किग्रा भार वर्ग में आना उनके लिए फायदेमंद रहा। उन्होंने कहा, ‘भार वर्ग में बदलाव मेरे लिए फायदेमंद रहा। मैंने इसमें लगातार पदक जीते हैं।’ वे स्पेन में हुई ग्रैंपि और यासर दोगू में भी 53 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही हैं।