तिमोर-लेस्ते के 50 वर्षीय सुहैल सत्तार और उनके बेटे 17 वर्षीय याह्या सुहैल ने एक साथ गुरुवार (6 नवंबर) को इंडोनेशिया के खिलाफ मैदान पर उतरकर इतिहास रच दिया। इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार ऐसा हुआ कि पिता-पुत्र की जोड़ी एक साथ खेलने उतरी। बाली में खेला गया यह मैच तिमोर-लेस्ते का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच था। उसे इस मैच में 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
तिमोर-लेस्ते की टीम 19 ओवर में 61 रन पर आउट हो गई। इंडोनेशिया ने इस लक्ष्य को 4 ओवर में हासिल कर लिया। सुहैल 14 रन बनाकर टीम के टॉप स्कोरर रहे। याह्या 1 रन बनाकर आउट हुए। सुहैल सत्तार और याह्या सुहैल की पिता-पुत्र की जोड़ी के मैदान पर उतरने से अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर मोहम्मद नबी इतिहास रचने से चूक गए।
नबी ने बेटे के साथ खेलने के लिए नहीं लिया संन्यास
नबी भी चाहते हैं कि वह अपने बेटे हसन ईसाखिल के साथ अफगानिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलें। इसके कारण उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी के बाद संन्यास का मन बदल लिया था। इंटरनेशनल क्रिकेट नबी और ईसाखिल की जोड़ी भले ही मैदान पर अभी तक न उतर सकी हो, लेकिन घरेलू क्रिकेट में ऐसा हो चुका है। 2025 शपागीजा क्रिकेट लीग के फाइनल में, मोहम्मद नबी और उनके बेटे हसन ईसाखिल आमने-सामने थे। घरेलू क्रिकेट में कई बार पिता और बेटे की जोड़ी मैदान पर उतर चुकी है।
मां-बेटी की जोड़ी मैदान पर उतर चुकी है
शिवनारायण चंद्रपॉल और उनके बेटे तेगनरायण चंद्रपाल ने गुयाना के लिए एक साथ 11 प्रथम श्रेणी मैच खेले। शिवनारायण ने मार्च 2014 में प्रोविडेंस स्टेडियम में विंडवार्ड आइलैंड्स के खिलाफ एक मैच में अपने बेटे की कप्तानी भी की थी। महिला इंटरनेशनल क्रिकेट में भी मां-बेटी की जोड़ी मैदान पर उतर चुकी है। स्विट्जरलैंड की महिला टीम में मां मेट्टी फर्नांडीस-बेटी नैना मेट्टी साजू की जोड़ी इस वर्ष एक साथ छह टी-20 मैच खेली।
