ऑस्ट्रेलिया ने पहले पिंक बॉल टेस्ट में भारतीय टीम के खिलाफ 8 विकेट से शानदार जीत हासिल की। टीम इंडिया के लिए यह बहुत शर्मनाक रही, क्योंकि उसकी दूसरी पारी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अपने न्यूनत स्कोर पर ढेर हो गई। हालांकि, रिकॉर्ड जीत हासिल करने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान टिम पेन बहुत खुश नहीं हैं। वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया के प्रति सहानुभूति जताई। उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई पेसर्स ने शानदार गेंदबाजी। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों को दोषी ठहराना अनुचित होगा।
टिम पेन ने जोश हेजलवुड और पैट कमिंस की तारीफ तो की, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने सर्वश्रेष्ठ के आसपास भी नहीं रही। टिम पेन ने कहा, इस टेस्ट में जिस तरह से हमने गेंदबाजी की उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं, लेकिन बल्लेबाजी पर हमें अभी काफी काम करना है। पहली पारी में हमने जो उम्मीद की थी, उससे कहीं कम रन हमने बनाए। इसलिए अच्छी जीत एक अच्छी बात है। यह जीत हमारी टीम में आत्मविश्वास भरेगी, लेकिन हम अपने सर्वश्रेष्ठ के आसपास भी नहीं खेले। गेंदबाजों ने मैच में हमारी वापसी कराई। इस जीत का श्रेय गेंदबाजों को जाता है।
चैनल सेवन से बातचीत में सुनील गावस्कर ने कहा, ‘जब से कोई भी टीम टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू करती है, तब से उस टीम का अपने न्यूनतम टेस्ट स्कोर पर आउट होना, कभी भी यह देखकर अच्छा नहीं लगता।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर कोई अन्य टीम भी इसी तरह की गेंदबाजी का सामना करती तो वे भी जल्दी आउट हो जाते, शायद वे 36 रन पर आउट नहीं होते, शायद 72 या 80-90 रन के स्कोर पर आउट होते।’
सुनील गावस्कर ने कहा, ‘जिस तरह से मिशेल स्टार्क के तीन ओवर के स्पेल के बाद जोश हेजलवुड, पैट कमिंस ने गेंदबाजी की, उसने भारतीयों के सामने कई सवाल खड़े कर दिए थे।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए भारतीय बल्लेबाज जिस तरीके से आउट हुए, उसके लिए उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं होगा, क्योंकि आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की।’
भारतीय टीम अपने न्यूनतम टेस्ट स्कोर 36 रन पर सिमट गई। भारत का पिछला न्यूनतम टेस्ट स्कोर 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में 42 रन का था। सुनील गावस्कर उस टीम का हिस्सा थे। गावस्कर ने कहा, ‘ऐसे ही 1974 में लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान गेंद स्विंग हो रही थी। हालात मुश्किल थे। हमारी टीम एक भी खराब शॉट खेले बगैर ऑलआउट हो गई थी। हमारे खिलाड़ी भी एलबीडब्ल्यू और बोल्ड हुए थे। जब आप इस तरह की तेज गेंदबाजी का सामना करते हैं तो रन बनाना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही टीम इंडिया के साथ एडिलेड में हुआ।’