आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के साथ ही पाकिस्तान में करीब तीन दशक बाद बड़े क्रिकेट की वापसी होगी। इससे पहले पाकिस्तान ने आखिरी मेगा मल्टी-टीम इवेंट 1996 का विश्व कप का आयोजन किया था। पाकिस्तान ने श्रीलंका और भारत के साथ मिलकर वनडे विश्व कप 1996 की मेजबानी की थी। साल 2009 में हुए आतंकी हमले के बाद कई क्रिकेट खेलने वाले देशों ने पाकिस्तान का दौरा करने से परहेज किया था।

तब श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर आतंकियों ने हमला किया था। हाल ही में श्रीलंका पर हुए आतंकी हमले के बारे में बात करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने कहा, ‘साल 2009 की घटनाएं एक बुरे सपने की तरह लगती हैं। हमें 10 साल की सजा मिली। हमारा क्रिकेट पीछे चला गया।’

2009 के आतंकी हमले में क्या हुआ था?

श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमला 3 मार्च 2009 को हुआ। श्रीलंकाई टीम तब लाहौर में एक टेस्ट मैच खेल रही थी। यह घटना तब हुई जब श्रीलंकाई टीम टेस्ट मैच के तीसरे दिन के लिए कार्यक्रम स्थल की ओर बस से जा रही थी। लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के बाहर 9 बजे (स्थानीय समय) के आसपास 12 बंदूकधारियों ने टीम बस पर घात लगाकर हमला किया।

ये बंदूकधारी भारी हथियारों से लैस थे और उनके पास असॉल्ट राइफल्स, ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर थे। आतंकी हमले में मैच पदाधिकारियों की सुरक्षा में तैनात 6 पुलिसकर्मियों और बस ड्राइवर की मौत हो गई। कई अन्य घायल हो गए। घायलों में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के तत्कालीन सात खिलाड़ी और टीम के कोचिंग स्टाफ के सदस्य शामिल थे।

यह संख्या और बहुत ज्यादा हो सकती थी। टीम बस पर दागा गया रॉकेट वाहन की छत के ऊपर से निकल गया जबकि बस के नीचे लुढ़का हुआ ग्रेनेड फटा नहीं। कुमार संगकारा ने अपने स्पिरिट ऑफ क्रिकेट लिखा है कि बस के अंदर एक गोली उस सीट पर लगी जहां एक सेकंड पहले वह बैठे थे।

2009 में भारतीय टीम को करना था पाकिस्तान का दौरा

दरअसल, 2009 में भारत को पाकिस्तान का दौरा करना था, लेकिन इससे पहले नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया। भारत के दौरे से हटने के बाद श्रीलंका ने पाकिस्तान में सीरीज खेलने का फैसला किया था।

इसके बाद टीमों ने पाकिस्तान की यात्रा करने को लेकर अनिच्छा जाहिर की थी। यही वजह थी कि 2018 से पहले पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम ने ‘घरेलू’ खेलों की मेजबानी संयुक्त अरब अमीरात में की थी।