विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत-न्यूजीलैंड के बीच खेले गए हेमिल्टन के मैदान पर खेले गए चौथे वनडे मुकाबले में टीम इंडिया का बेहद निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला। इस मैच में मेजबान टीम ने 8 विकेट से शानदार जीत के साथ सीरीज को अब 3-1 की बराबरी पर ला दिया है। टीम इंडिया के बल्लेबाज इस मैच में कीवी गेंदबाजों के सामने बेबस नजर आए और पूरी टीम महज 92 के स्कोर पर ही ढेर हो गई। इस हार के साथ ही भारत के नाम कई शर्मनाक रिकॉर्ड भी जुड़ गए हैं।

गेंदों के लिहाज से सबसे बड़ी हारः इस 93 रनों का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने 15वें ओवर में ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिया और 212 गेंद शेष रहते ही इस मैच को जीत लिया। ये शेष गेंद रहने के लिहाज से टीम इंडिया की सबसे विराट हार है। इससे पहले 2010 में श्रीलंका के खिलाफ भारत ने 209 गेंद शेष रहते मुकाबला गंवाया था। वहीं 2012 में भारत ने श्रीलंका के ही खिलाफ 181 गेंद रहते ही मैच गंवा दिया था।

सबसे छोटा लक्ष्यः विश्वकप में अब कुछ ही दिन शेष है, ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों का ये प्रदर्शन काफी निराशाजनक है। न्यूनतम स्कोर के लिहाज से देखें तो भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 2000 में कुल 54 रन बनाए थे, वहीं 1981 में भारतीय पारी 63 रन पर ही सिमट गई थी। वहीं सन 2000 के बाद देखें तो ये 2006 में भारत ने डरबन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 91 रन ही बनाए थे वहीं 2010 में टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाउ 88 रन पर सिमट गई थी। ऐसे में इस मैच में भी भारत ने 92 रन पर सिमटकर अपने नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है।

इस मैच में टॉस जीतकर न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने भारत को पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया और ट्रेंट बोल्ट और ग्रेंडहोम की धारदार गेंदबाजी के आगे भारतीय बल्लेबाज बेबस नजर आए और पूरी पारी महज 92 के स्कोर पर ही सिमट गई। ट्रेंट बोल्ट ने जहां अपने 10 ओवर के लगातार स्पेल में 5 विकेट झटके तो वहीं करियर की बेस्ट गेंदबाजी करते हुए ग्रेंडहोम के नाम 3 सफलताएं दर्ज हुई। इसके जवाब में जब न्यूजीलैंड की टीम बल्लेबाजी करने के लिए उतरी तो पहले ही ओवर में भुवी ने सफलता जरूर दिलाई लेकिन फिर भी न्यूजीलैंड ने इस मैच को 8 विकेटों से जीत लिया। दोनों टीमों के बीच सीरीज का आखिरी मुकाबला 3 फरवरी को खेला जाएगा।