क्रिकेट में साल 2023 में रिटायरमेंट वापस लेने की दो घटनाएं देखने को मिली है। एशेज सीरीज से पहले जैक लीच चोटिल हुए तो इंग्लैंड क्रिकेट टीम में मोईन अली की संन्यास से वापसी हुई। वहीं पिछले दिनों बांग्लादेश के दिग्गज खिलाड़ी तमीम इकबाल ने संन्यास लिया फिर मान मनौवल के बाद इसे वापस ले लिया। हालांकि, वह 6 हफ्ते मैदान से दूर रहेंगे। ऐसा नहीं है कि सिर्फ मोईन अली और तमीम इकबाल ही रिटायरमेंट से वापस आए हैं।

पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जिताने वाले इमरान खान, जावेद मियांदाद, शाहिद अफरीदी भी रिटायरमेंट से वापस आकर इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके हैं। इनमें एक भारतीय खिलाड़ी भी शामिल है। नाम है जवागल श्रीनाथ। इंग्लैंड के दिग्गज खिलाड़ी केविन पीटरसन भी ऐसा कर चुके हैं। एक नजर इन 11 खिलाड़ियों पर

इमरान खान

महान इमरान खान ने 1987 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से पाकिस्तान की हार के एक दिन बाद संन्यास लेने का फैसला किया था। जब इमरान को राष्ट्रपति जिया-उल-हक ने फिर से पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा तो उनका हृदय परिवर्तन हुआ। इमरान पांच साल बाद विश्व कप विजेता कप्तान के तौर पर रिटायर हुए।

जावेद मियांदाद

1994 में टीम से बाहर किए जाने के बाद पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज ने क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया। क्रिकेट फैंस में गुस्सा था और “नो मियांदाद, नो क्रिकेट तक के नारे लगे। इसके बाद तब देश की प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो ने मियांदाद को वापसी के लिए मनाया। मियांदाद वापस आए, लेकिन 1996 तक उन्होंने अगली बार पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं किया।

शाहिद अफरीदी

शाहिद अफरीदी ने 2006, 2010, 2011, 2014 और 2017 में रिटायरमेंट लिया और 2006, 2011 और 2016 में वापसी की। वह आधुनिक युग के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटरों में एक रहे। विस्फोटक बल्लेबाज के साथ – साथ वह बेहतरीन स्पिनर थे। ऑलराउंडर होने के कारण उन्हें टीम में हमेशा जगह मिल जाती थी।

केविन पीटरसन

केविन पीटरसन इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर होने के बाद काफी समय फ्रैंचाइजी क्रिकेट में खेले। उन्होंने 2012 वर्ल्ड टी20 से चार महीने पहले उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया, तो इंग्लैंड क्रिकेट को झटका लगा। लेकिन 60 दिन से भी कम समय के बाद उन्होंने कहा कि वह वापसी के लिए कभी मना नहीं करेंगे। वह वापस आए और फिर इंग्लैंड के लिए आठ और वनडे और एक टी20 खेले।

कार्ल हूपर

अपनी पीढ़ी के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक कार्ल हूपर ने 32 साल की उम्र में अपने टेस्ट संन्यास की घोषणा करके हैरान कर दिया था। हालांकि, 2001 में वेस्टइंडीज की खराब स्थिति के बाद टीम का नेतृत्व करने के लिए लौटे। न्यूजीलैंड, भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में कप्तानी की। अंततः 2003 में संन्यास लिया।

जवागल श्रीनाथ

जवागल श्रीनाथ ने 2001 में कैरेबियई दौरे से आने के बाद कहा कि वह अपना आखिरी टेस्ट खेल चुके हैं। हालांकि, सौरव गांगुली ऐसा नहीं चाहते थे। गांगुली ने श्रीनाथ को संन्यास से वापस आकर तीन और टेस्ट खेलने और 2003 विश्व कप में आक्रमण का नेतृत्व करने के लिए मना लिया। 2003 वर्ल्ड कप में टीम उपविजेता रही।

जेरोम टेलर

वेस्टइंडीज के गेंदबाज जेरोम टेलर ने टी20 और वनडे करियर पर फोकस करने के लिए 46 मैचों के बाद टेस्ट से संन्यास का फैसला किया. लेकिन उन्हें अगले 14 महीनों तक व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए टीम में नहीं चुना गया। उन्होंने तुरंत अपना टेस्ट संन्यास वापस ले लिया, लेकिन उसके बाद से वह टेस्ट मैच नहीं खेले हैं।

मोईन अली

मोईन अली ने 2021 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन जैक लीच के बाहर होने पर 2023 एशेज से पहले उन्हें वापसी करनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने इस प्रारूप में 200 विकेटों का आंकड़ा पार किया। जब उन्होंने 2 साल पहले संन्यास लिया था तो वह इस उपलब्धि से सिर्फ 5 विकेट दूर थे।

भानुका राजपक्षे

भानुका राजपक्षे ने 2022 की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करते समय पारिवारिक दायित्वों को इसका कारण बताया था। उनके ‘जल्दबाजी’ वाले फैसले को श्रीलंका के खेल मंत्री नमल राजपक्षे ने अस्वीकार कर दिया था। दोनों के बीच एक बैठक और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के साथ परामर्श के बाद राजपक्षे ने फिर से अपने देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा व्यक्त की।

तमीम इकबाल

बांग्लादेश के अफगानिस्तान से हारने के एक दिन बाद और भारत में 2023 वनडे विश्व कप से तीन महीने पहले जब तमीम इकबाल ने एक भावनात्मक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने शानदार करियर को अलविदा कहा तो हंगामा मच गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के हस्तक्षेप के बाद तमीम ने यू-टर्न ले लिया।

बॉब सिंपसन

62 टेस्ट मैच खेलने वाले दिग्गज बॉब सिंपसन एक दशक के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से थे। केरी पैकर वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट के कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम 1977 में भारत के खिलाफ सीरीज से पहले संकट में थी। सिंपसन उस समय 41 वर्ष के थे। उन्होंने संन्यास वापस लिया और दस पारियों में 539 रन बनाए।