इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने ऑस्ट्रेलिया में मेंस टी20 विश्व कप के लिए कोरोना महामारी से संबंधित नियमों में ढील दी है। पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी जाएगी। क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू की रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी का कहना है कि अगर किसी खिलाड़ी को कोरोना होता है, तो टूर्नामेंट के दौरान कोई अनिवार्य टेस्ट नहीं होगा और न ही आइसोलेशन में रहना होगा।
खिलाड़ी के खेलने पर डॉक्टर्स लेंगे फैसला
इसके बजाय टीम के डॉक्टर्स को फैसला लेना होगा कि कोरोना संक्रमित खिलाड़ी मैच खेल सकता है या नहीं। हालांकि, अगर कोई खिलाड़ी आरटी-पीसीआर टेस्ट में संक्रमित पाया जाता है तो टीमों को स्क्वाड में बदलाव करने की अनुमति होगी। नेगेटिव टेस्ट होने के बाद खिलाड़ी स्क्वाड में आ सकता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के लिए ऑस्ट्रेलियाई संघीय सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में आइसोलेशन की अनिवार्यता को खत्म कर दी थी।
ताहिला मैक्ग्रा कोरोना संक्रमित होने के बाद भी मैच खेलीं
आईसीसी के नियम बदलने के बाद बर्मिघम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के क्रिकेट फाइनल की याद आ गई। भारतीय महिला टीम और ऑस्ट्रेलिया महिला टीम के बीच खेले गए मैच में ऑलराउंडर ताहिला मैक्ग्रा कोरोना संक्रमित होने के बाद भी मैच खेली थीं। हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली टीम को हार का सामना पड़ा था। अब नियम बदलने के बाद ऐसा फिर देखने को मिल सकता है। यानी कोरोना संक्रमित खिलाड़ी किसी मैच में खेलता दिख सकता है।
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कोरोना के कारण नियमों काफी बदलाव हुए थे
बता दें कि साल 2020 में कोरोना महामारी आने के बाद क्रिकेट के नियमों काफी बदलाव हुए थे। खिलाड़ियों को बायो बबल में रहना पड़ता था। इसके अलावा काफी मुकाबले बंद दरवाजे के पीछे मैच हुए। यानी दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं थी। गेंद को थूक से चमकाने पर रोक लगा दी गई। इसे अब हमेशा के लिए लागू कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के नियम काफी सख्त थे। इसके कारण साल 2020 में टी20 वर्ल्ड कप को स्थगित करना पड़ा था। साल 2021 में भारत की मेजबानी में यूएई में टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था।
