सचिन तेंदुलकर: टी20 वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान के बीच हाई वोल्टेज मुकाबला होना है। इस मुकाबले पर सभी की निगाहें हैं। इसका कारण है पिछले साल के टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की हार। इस मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने रोहित शर्मा एंड कंपनी को अहम सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि बैटिंग के समय रन लेते वक्त कॉलिंग स्पष्ट होनी चाहिए। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिससे भ्रम हो। मुकाबले के दौरान स्टेडियम खचाखच भरा होगा। इससे आई टू आई कॉन्टैक्ट काफी महत्वपूर्ण होगा।
रन लेते समय कॉलिंग को लेकर सलाह
सचिन तेंदुलकर ने इंडियन एक्सप्रेस के श्रीराम वीरा और संदीप द्विवेदी से कहा, “कॉलिंग के लिए हम जिन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं वह बड़ा रोल निभाते हैं। गो-गो (Go-Go) नहीं कहना चाहिए। यह नो-नो (NO-NO) लगता है। बेहतर होगा कि Yes (यश), NO (नो), Wait (वेट) और Push For 2 (पुश फॉर टू) जैसे शब्दों का इस्तेमाल हो। अगर आप कवर की तरफ गेंद को पंच कर देते हैं और आपको लगता है कि दो रन हो सकता है तो आपको पुश फॉर टू कहना चाहिए। इसका मतलब है कि एक रन तो तय है और दूसरे रन के लिए देख रहे हैं।”
आई कॉन्टैक्ट काफी अहम होगा
तेंदुलकर ने आगे कहा, ” 23 अक्टूबर को जब स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा होगा तब पुश फॉर टू जैसे शब्द काम नहीं आएंगे, क्योंकि हो सकता है आपके पार्टनर को यह सुनाई न दे। ऐसे में आई कॉन्टैक्ट काफी महत्वपूर्ण हो जाएगा। चलो हम भाग जाएंगे यह सोचकर दोनों बल्लेबाज केवल फील्डर को देखते नहीं रह सकते। मुझे पता चला है कि 23 अक्टूबर को मैच देखने एक लाख लोग आएंगे। ऐसे में रन लेते समय कॉलिंग में काफी दिक्कत होगी। आई कॉन्टैक्ट काफी अहम होगा। “
स्पाइक्स नुकीले होने चाहिए
सचिन तेंदुलकर ने बताया, “ऑस्ट्रेलियाई पिचों के लिए, मैं लंबी फुल स्पाइक्स इस्तेमाल करने को कहूंगा। वास्तव में मैं बल्लेबाजी करने से पहले स्पाइक्स को और नुकीला बनाने के लिए नेल्स को और धारदार करने की सलाह दूंगा। यदि स्पाइक्स नुकीले नहीं होगे, तो वे सतह में नहीं घुसेंगे। ऑस्ट्रेलिया की हार्ड पिचों पर नुकीले स्पाइक्स आसानी से अंदर जाते हैं और इससे दौड़ने में आसानी होती है। आउटफील्ड में फील्डिंग के दौरान सॉफ्ट स्पाइक्स ठीक होते हैं, लेकिन बल्लेबाजी करते समय स्प्रिंटर्स स्पाइक्स का इस्तेमाल होना चाहिए। इस तरह की छोटी-छोटी चीजें से आपको मदद मिल सकती है।”
बल्लेबाजों को पता होना चाहिए कहां दौड़ना है
तेंदुलकर ने यह कहा, ” आप कहां दौड़ते हैं, यह भी सवाल है। ड्रॉप-इन पिच के कोने पर दौड़ना बेहतर होगा। यदि एक बाएं हाथ का गेंदबाज गेंदबाजी कर रहा है, तो नॉन- स्ट्राइकर को बाहर की तरफ और स्ट्राइकर अंदर की तरफ दौड़ना चाहिए। पहली गेंद का सामना करने से पहले यह समझ होनी चाहिए। बल्लेबाजों को पता होना चाहिए कहां दौड़ना है।”