गुजरात टाइटंस टीम की आईपीएल में एंट्री साल 2022 में हुई थी और टीम का हेड कोच आशीष नेहरा का बनाया गया था। पहले सीजन में ये टीम चैंपियन बनी थी जबकि दूसरे सीजन में फाइनल तक पहुंची थी। फिर आईपीएल 2024 में ये टीम प्लेऑफ तक नहीं पहुंच पाई थी और अब माना जा रहा है कि टीम के मालिक सीवीसी कैपिटल्स आईपीएल 2025 के लिए होने वाली मेगा नीलामी से पहले अपने कोचिंग स्टाफ में बदलाव करने का फैसला कर सकते हैं। ऐसे में आशीष नेहरा इस टीम के हेड कोच बने रहेंगे या नहीं इस पर सस्पेंस बन गया है।
नेहरा की हो सकती है छुट्टी
क्रिकबज के मुताबिक आईपीएल के सूत्रों का कहना है कि जीटी मैनेजमेंट अगले सीजन के लिए कोचिंग स्टाफ बदलने पर विचार कर रहा है। इसके बाद ऐसा लग रहा है कि टीम के क्रिकेट निदेशक विक्रम सोलंकी, हेड कोच आशीष नेहरा और इस टीम के पहले तीन साल के दौरान मेंटर व बल्लेबाजी कोच रहे गैरी कर्स्टन का पत्ता साफ होने की संभावना है। इनमें से गैरी कर्स्टन पाकिस्तान टीम का कोच बन चुके हैं और सोलंकी अपने पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन मुख्य कोच नेहरा को लेकर कुछ बड़ा पैसला हो सकता है।
बदल सकता है गुजरात का मालिकाना हक
इसके अलावा गुजरात टाइटंस के प्रबंधन में भी बदलाव देखने को मिल सकता है और ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि इस टीम का मालिकाना हक सीवीसी से टोरेंट फार्मा या फिर अदानी समूह में से किसी एक के पास जा सकता है। हालांकि इसके लिए फरवरी तक का इंतजार करना पड़ेगा और तस्वीर सभी साफ हो पाए। वैसे फ्रेंचाइजी शेयरों के लिए ये अनिवार्य है कि उनके पास तीन साल तक मालिकाना हक रहेगा और इसकी वजह से सीवीसी आगले सीजन की नीलामी तक इस टीम से जुड़ी रह सकती है।
मिल सकती है 6 खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति
क्रिकबज के मुताबिक रोजर बिन्नी की अगुआई वाला भारतीय क्रिकेट बोर्ड राइट टू मैच (आरटीएम) सहित 6 खिलाड़ियों तक रिटेंशन सूची बढ़ाने पर विचार कर रहा है, लेकिन बोर्ड मेगा-नीलामी को खत्म करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि 31 जुलाई को बीसीसीआई मुख्यालय में हुई बैठक में कुछ फ्रेंचाइजियों ने सुझाव दिया था कि इस बार मेगा नीलामी की जगह छोटी नीलामी की जाए, लेकिन बोर्ड इस मांग को मानने के पक्ष में नहीं दिख रहा है। लंबे समय से मेगा-नीलामी को लेकर बहस चल रही है क्योंकि कुछ टीमों का मानना है कि मेगा-नीलामी के कारण उन्हें अपनी बनी बनाई टीम को गंवाना होगा और नए सिरे से टीम बनानी होगी। हालांकि बीसीसीआई अपनी परंपरा को खत्म करने के मूड में नहीं है। इससे पहले 2022 में, बीसीसीआई ने बिना किसी आरटीएम प्रावधान के केवल चार रिटेंशन की अनुमति दी थी।