पहलवान सागर राणा मर्डर केस में सुशील कुमार पुलिस की गिरफ्त में हैं। उनके पकड़े जाने के बाद कई तरह की बातें खुलकर सामने आ रही हैं। एक्सपर्ट और कुश्ती से संबंधित लोग अपनी राय भी रख रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि मामला प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ा है तो कुछ का मानना है कि किराए को लेकर मारपीट हुई थी। वहीं, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के पूर्व रेसलिंग कोच अजीत सिंह ने इसे गैंगवार बताया है। उन्होंने कहा कि यह किराए या फ्लैट के लिए नहीं था।
‘क्राइम तक’ यूट्यूब चैनल के लिए वरिष्ठ पत्रकार शम्स ताहिर खान से बातचीत में अजीत सिंह ने कुश्ती जगत से संबंधित कई बातों का खुलासा किया। शम्स ताहिर ने उनसे कहा ‘‘कहा जा रहा है कि सागर धनखड़ एक साल से अखाड़े में नहीं आया।’’ इस पर अजीत सिंह ने बताया, ‘‘एक जमाने में सागर उभरता हुआ सितारा था। जूनियर लेवल पर उसने नेशनल में हिस्सा लिया। पिछले साल जब लॉकडाउन हुआ था रेसलिंग की प्रतियोगिताएं बंद हो गई थीं। पिछले एक साल में सिर्फ सागर ने ही बल्कि बहुत सारे पहलवान कुश्ती से दूर थे।’’
अजीत सिंह ने आगे कहा, ‘‘लॉकडाउन के कारण गावों में दंगल बंद हो गए थे। इससे उनकी कमाई होती थी। 90 प्रतिशत पहलवानों की ट्रेनिंग नाम मात्र की चल रही थी। सागर दिल्ली में था। ये बताइए कि एक पहलवान के पास सोनू महाल के आने का क्या मतलब है? वो तो हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर है। उसके खिलाफ पुलिस रिकॉर्ड है। जैसा कहा जा रहा कि सुशील कुमार और उसके साथी सागर को उठाकर लाए हैं तो सोनू को भी लाए थे। सागर के सोनू क्या कर रहा था। इससे तो यह साबित हो जाता है कि सागर के भी गैंगस्टर से संबंध थे।’’
अजीत सिंह ने इशारों-इशारों में यह कह दिया कि ये एक फ्लैट को लेकर नहीं हुआ, बल्कि गैंगवार था। छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग एरिया में 4 मई की रात को पहलवानों के दो गुटों में झड़प हुई थी। इसमें 5 पहलवानों को काफी चोटें लगी थीं। इनमें सागर (23 साल), सोनू (37), अमित कुमार (27) और 2 अन्य पहलवान शामिल थे। अस्पताल में इलाज के दौरान सागर ने दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल का बेटा था।