अंपायर स्टीव बकनर ने माना है कि उन्होंने सचिन तेंदुलकर को दो बार गलत आउट देने की गलती की थी। स्टीव बकनर क्रिकेट के हालिया इतिहास में सबसे हाई-प्रोफाइल अंपायरों में से एक रहे हैं। बकनर ने अपने रिटायरमेंट के 11 साल बाद इस सप्ताह की शुरुआत में बारबाडोस में मेसन और गेस्ट रेडियो कार्यक्रम के बारे में इस बारे में बात की।
उन्होंने कहा, ‘तेंदुलकर को दो अलग-अलग मौकों पर गलती से बाहर का रास्ता दिखाया था। मुझे नहीं लगता कि कोई भी अंपायर गलत काम करना चाहेगा। यह उसके साथ होता है। इससे उसका भविष्य खतरे में पड़ सकता है।’
बकनर ने कहा, ‘गलती इंसान से होती है… एक बार ऑस्ट्रेलिया में (2003 में) , मैंने उन्हें एलबीडब्ल्यू (लेग बिफोर विकेट) आउट दिया था, जबकि गेंद विकेट से ऊपर जा रही थी। एक और बार (2005 में), वह भारत में विकेट के पीछे आउट हुए थे। गेंद बल्ले के पास से गुजरी थी, लेकिन बैट से छुई नहीं थी। लेकिन वह मैच ईडन गार्डन में हो रहा था। जब आप ईडन में होते हैं और भारत बल्लेबाजी कर रहा होता है, तो आपको कुछ नहीं सुनाई देता है, क्योंकि एक लाख दर्शक शोर मचा रहे होते हैं। वे मेरी गलतियां थीं। मैं दुखी था। मैं कह रहा हूं कि एक इंसान गलतियां करता है। गलतियों को स्वीकार करना जीवन का हिस्सा है।’
बता दें कि ईडन गार्डन में बकनर ने जब सचिन तेंदुलकर को अब्दुल रज्जाक की गेंद पर आउट दिया था, तब मास्टर ब्लास्टर 52 रन पर खेल रहे थे। वह बहुत अच्छी फॉर्म में थे। उन्होंने पहली पारी में भी अर्धशतक जमाया था। सचिन उस समय तक अपने करियर में 34 शतक लगा चुके थे। यदि वह उस मैच की दूसरी पारी में शतक बना लेते तो सुनील गावस्कर के सबसे ज्यादा 34 शतकों (उस समय) के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ देते। हालांकि, बकनर की गलती के कारण वह इतिहास रचने से चूक गए थे।
जमैका (Jamaica) के मोंटेगो बे (Montego Bay) में 31 मई 1946 को जन्में स्टीव बकनर अब न्यूयॉर्क में रहते हैं। बकनर ने यह भी कहा कि सचिन की महानता इसमें है कि उनके पास शॉट्स का भंडार है। उनके बल्ले में हर तरह के शॉट्स थे। हालांकि, बकनर ने ब्रायन लारा को अपने समय का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बताया। बकनर ने 128 टेस्ट और 181 एकदिवसीय मैचों में अंपायरिंग की। वे 1992 से लेकर लगातार पांच वर्ल्ड कप फाइनल मैच में अंपायर रहे थे।