भारतीय टीम में लंबे समय बाद वापसी करने वाले बल्लेबाज सुरेश रैना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतिम टी-20 मैच में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। रैना पहले भी दो मैचों में बल्लेबाजी के दौरान अच्छी लय में नजर आ रहे थे, लेकिन वो अपनी पारी को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में नाकाम रहे थे। तीसरे टी-20 मैच में भले ही वह अर्धशतक लगाने से चूक गए हो, लेकिन उन्होंने टीम को एक ठोस शुरुआत देने का काम बखूबी किया। एक बार फिर रोहित शर्मा के जल्दी आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए रैना ने जूनियर डाला के पहले ही गेंद पर छक्का जड़ साफ कर दिया कि वो आक्रमक मानसिकता से साथ बल्लेबाजी करने उतरे हैं। रैना विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए शिखर धवन के साथ 65 रनों की साझेदारी की। रैना 43 रन बनाकर बड़े शॉट लगाने के चक्कर में कैच आउट हो गए। 27 गेंदों पर खेली 43 रनों की पारी में रैना 5 चौके और एक छक्का लगाने में कामयाब रहे। मैच के बाद इस आतिशी पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। मैच के बाद रैना ने कहा, ”विराट कोहली और रवि शास्त्री को शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इन्होंने सीरीज के दौरान मुझे खुलकर बल्लेबाजी करने की आजादी दी।

भारतीय कप्तान विराट कोहली और बल्लेबाज सुरेश रैना।

रैना ने कहा, ”वनडे सीरीज जीतने के बाद ड्रेसिंग रूम का माहौल काफी अच्छा था। जिस वजह से टी-20 मैचों के दौरान खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा हुआ था। टी-20 मुकाबलों में शुरुआती 6 ओवर बेहद अहम माने जाते है। इस दौरान बल्लेबाज अगर तेजी से रन बनाने में सफल नहीं रहता तो टीम मैच में पिछड़ जाती है। बल्लेबाजी के दौरान मुझे खुलकर खेलने की छूट थी और मैंने बस अपना काम किया।

विराट कोहली की बात करते हुए रैना ने कहा, ”विराट शानदार कप्तान हैं, वो सकारात्मक सोच के साथ मैच खेलने उतरते हैं। इसके अलावा सपोर्ट स्टाफ ने भी खिलाड़ियों के अंदर कुछ अलग करने का हौसला बढ़ाया। यही वजह है कि भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली बार उसी के सरजमीं पर दो ट्रॉफी अपने नाम करने में कामयाब रही”। बल्लेबाजी के अलावा इस मैच में रैना ने तीन ओवर की गेंदबाजी भी की, जिस दौरान उन्होंने 27 रन देकर एक विकेट हासिल किया।