सुप्रीम कोर्ट ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की जमानत रद्द कर दी है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। सुशील जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या का मुख्य आरोपी है और उसे मई 2021 में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव नरूला के आदेश पर वह मार्च से जमानत पर बाहर है।

Live Law की खबर के मुताबिक, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ की अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। अशोक धनखड़ ने दिल्ली हाई कोर्ट के सुशील कुमार को जमानत देने वाले आदेश को चुनौती दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने सुशील कुमार को जमानत देते हुए कहा था कि मुकदमा शुरू होने के बाद से तीन वर्षों में अभियोजन पक्ष के 186 गवाहों में से केवल 30 से ही पूछताछ की गई है।

सागर के पिता ने हाई कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

अशोक धनखड़ ने गवाहों को धमकाने का आरोप लगाते हुए जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। यह तर्क दिया गया कि जब सुशील कुमार को पहले अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था, तो उन्होंने एक प्रमुख गवाह को धमकी दी थी। सुशील कुमार और अन्य पर मई 2021 में कथित संपत्ति विवाद को लेकर सागर धनखड़ पर जानलेवा हमला करने का आरोप है।

ट्रायल कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में तय किए थे आरोप

इस हमले में सागर धनखड़ के दो दोस्त भी घायल हुए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, किसी ठोस वस्तु के प्रहार के कारण सागर धनखड़ के सिर में गंभीर चोटें आईं थीं। अक्टूबर 2022 में ट्रायल कोर्ट ने सुशील के खिलाफ आर्म्स एक्ट के अलावा घातक हथियार से हत्या, आपराधिक साजिश, धमकाने और दंगा करने सहित आईपीसी के तहत आरोप तय किए थे। अवैध सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी के समक्ष पेश हुए सुरेश रैना; देखें Video