पूर्व कप्तान सुनील गावसकर ने महेंद्र सिंह धोनी को भारत का सर्वश्रेष्ठ वनडे कप्तान करार देते हुए कहा कि उनका दौर अभी खत्म नहीं हुआ है और वह अभी भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान दे सकते हैं।
गावसकर ने हालांकि कहा कि यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी और इसका फैसला धोनी पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह फैसला उन पर छोड़ देना चाहिए। आप उनसे उनकी उपलब्धियां नहीं छीन सकते। वह अब तक भारत का सर्वश्रेष्ठ कप्तान है। उन्होंने हर उपलब्धि हासिल की चाहे वह टी20, वनडे, चैंपियंस ट्राफी या विश्व कप हो। वह भारत को टैस्ट क्रिकेट में नंबर एक रैकिंग तक ले गए। इसलिए उनकी उपलब्धियां अनगिनत हैं।’
गावसकर ने कहा, ‘धोनी इसके लिए सम्मान के हकदार हैं और यह फैसला उन्हें करना है कि क्या वह इस पद के लिए खुद को उपयुक्त मानते हैं या फिर उनमें अभी जोश बाकी है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें कप्तानी से हटाना सही होगा। यह फैसला उन पर छोड़ देना चाहिए। गावसकर से पूछा गया कि धोनी का अब भी वनडे कप्तान होना क्या भारतीय क्रिकेट के लिए फायदेमंद है उन्होंने कहा कि हां मेरा मानना है कि उनका कप्तान होना भारतीय क्रिकेट के लिए फायदेमंद है। वह अभी काफी योगदान दे सकते हैं।’
गावसकर ने कहा, ‘हां बांग्लादेश के खिलाफ परिणाम दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इसके लिए कुछ श्रेय बांग्लादेश को भी दीजिए। उन्होंने बेहतरीन क्रिकेट का नजारा पेश किया। बांग्लादेश के पास एक नया गेंदबाज (मुस्तफिजुर रहमान) है और भारतीय बल्लेबाजों के पास उसकी बाएं हाथ से की गई कोण लेती गेंदों का कोई जवाब नहीं है। मैं समझता हूं कि बांग्लादेश से हार को पचाना आसान नहीं लेकिन हमें जल्दी में कोई प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए।’
खराब दौर से गुजर रहे धोनी पहले वनडे के दौरान बांग्लादेश की तेज गेंदबाजी की नई सनसनी मुस्तफिजुर से मैदान पर टकरा गए थे जिसके कारण उन्हें अपनी मैच फीस का 75 फीसद हिस्सा खोना पड़ा। गावसकर से पूछा गया कि क्या धोनी के व्यवहार में कोई बदलाव आया है, उन्होंने कहा, ‘नहीं ऐसा नहीं है। वह अच्छा लगता है। वह अभी 33 साल का है और हो सकता है कि 35 या 36 साल की उम्र में वह केवल खिलाड़ी के रूप में खेलना चाहे क्योंकि कप्तान के रूप में आपकी अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है। आपको टीम में हर के बारे में सोचना होता है और यह 36 साल में बोझ हो सकता है लेकिन अभी नहीं। मुझे लगता है कि वह अभी काफी योगदान दे सकते हैं।’