बीते हफ्ते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इशान किशन और श्रेयस अय्यर को घेरलू क्रिकेट को नजरअंदाज करने के मद्देनजर सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया। लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर का मानना है कि श्रेयस को कड़ी सजा मिली, क्योंकि उन्होंने खेलने से इन्कार नहीं किया था। वह इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले रणजी ट्रॉफी खेले भी थे। उनको अभी तक यह बात समझ में नहीं आई है कि आखिर क्यों रणजी ट्रॉफी में इशान किशन नहीं खेले?
गावस्कर ने मिड-डे में कॉलम में श्रेयस अय्यर को लेकर कहा, ” इस टेस्ट सीरीज के शुरू होने से ठीक पहले भारतीय टीम प्रबंधन के कहने पर अय्यर ने रणजी ट्रॉफी मैच भी खेला था। ऐसा नहीं है कि उन्होंने रणजी ट्रॉफी खेलने से बिल्कुल भी इन्कार कर दिया हो। वह क्वार्टर फाइनल में नहीं खेले, लेकिन यही वह समय था जब उन्होंने टीम प्रबंधन को अपनी पीठ मे दर्द के कारण तीसरे टेस्ट मैच में खेलने में असमर्थता के बारे में सूचित किया था। हालांकि, एनसीए के ट्रेनर्स ने उन्हें खेलने के लिए फिट पाया। ऐसा लग रहा था कि ये बात अय्यर के खिलाफ गई है। दर्द व्यक्तिगत होता है और कोई भी ट्रेनर इसका आकलन नहीं कर सकता।”
इशान किशन को लेकर क्या बोले सुनील गावस्कर
गावस्कर ने इशान किशन को लेकर लिखा, “बीसीसीआई ने कुछ दिन पहले अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची की घोषणा की। जैसी कि उम्मीद थी श्रेयस अय्यर और इशान किशन को संभवतः रणजी ट्रॉफी क्रिकेट नहीं खेलने के कारण अनुबंध सूची से बाहर कर दिया गया। अभी भी कोई नहीं जानता कि किशन रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए खेलने क्यों नहीं उतरे।”
इशान और श्रेयस के खिलाफ क्यों उठाया कड़ा कदम
बीसीसीआई ने 28 फरवरी को घरेलू क्रिकेट को महत्व न देने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए अय्यर और इशान को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया। भारतीय खिलाड़ियों को बीसीसीआई सचिव जय शाह के पत्र के बाद भी दोनों खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी नहीं खेले थे। इसके बाद यह फैसला लिया गया था। दोनों खिलाड़ी 2023 में तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम के अभिन्न हिस्सा थे। चयनकर्ताओं के कहने पर सचिव ने यह फैसला लिया।