महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान हैं और रिकॉर्ड भी इस बात की पुष्टि करते हैं। क्रिकेट जगत में महेंद्र सिंह धोनी 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को खिताबी जीत दिलाने के बाद एक चर्चित नाम बन गए। जैसे जैसे समय गुजरता गया महेंद्र सिंह धोनी कप्तान के रूप में सफलता के नए झंडे गाड़ते गए और एक विकेटकीपर बल्लेबाज से क्रिकेट के शॉर्टर फॉर्मेट में दुनिया के सर्वकालिक बेस्ट फिनिशर बन गए। उनके नेतृत्व भारत 28 साल बाद फिर से वनडे क्रिकेट का विश्व चैम्पियन बना। वह दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान बने जिनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने क्रिकेट के छोटे प्रारूप में आईसीसी के तीनों बड़े खिताब अपने नाम किया, जिसमें टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और चैम्पियंस ट्रॉफी शामिल है।

महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत पहली बार आईसीसी की टेस्ट रैकिंग में नंबर एक बना। हालांकि, महेंद्र सिंह धोनी भी अपने क्रिकेट करियर में विवादों से अछूते नहीं रहे। भारतीय टीम में कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियों और महेंद्र सिंह धोनी के रिश्तों में कड़वाहट की बातें कई मौकों पर सुर्खियों में आईं। भारत के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने महेंद्र सिंह धोनी पर उनका फोन रिसीव ना करने का आरोप लगाया। वीवीएस लक्ष्मण ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद दी गई पार्टी में महेंद्र सिंह धोनी को नहीं बुलाया, जिसके बाद दोनों के रिश्तों को लेकर कयास लगाए जाने लगे। पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच के दौरान कमेंट्री बॉक्स में इन पुरानों मुद्दों पर एक बार फिर चर्चा का दौर छिड़ा था।

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भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और वीरेंद्र सहवाग कमेंट्री के दौरान भारतीय ड्रेसिंग रूम में एमएस धोनी और वरिष्ठ खिलाड़ियों के रिश्तों को लेकर चर्चा कर रहे थे। गावस्कर ने सहवाग से सवाल किया,’मैंने सुना था कि एमएस धोनी वरिष्ठ खिलाड़ियों का फोन नहीं रिसीव करते थे?’ इस सवाल के जवाब में वीरेंद्र सहवाग ने व्यंगात्मक लहजे में जवाब दिया,’हां अगर आप चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते थे तो आपको महेंद्र सिंह धोनी जरूर रिस्पांस करते।’ गौरतलब है कि महेंद्र सिंह धोनी के उपर यह भी आरोप लगता है कि उनके चलते ही वीरेंद्र सहवाग भारतीय टीम से बाहर किए गए थे। युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह भी धोनी के उपर अपने बेटे के साथ ज्यादती करने का आरोप लगाते रहे हैं।