Asia Cup 2022: एशिया कप 2022 के सुपर-4 में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन पर दिग्गज सुनील गावस्कर ने अहम सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि टी-20 वर्ल्ड कप के मद्देनजर वर्कलोड मैनेजमेंट और प्रयोग करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने टीम इंडिया की फर्स्ट च्वाइस प्लेइंग 11 ने हाल के समय में बहुत ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला है, ऐसे में टीम लय हासिल नहीं कर पाई। बता दें कि पाकिस्तान और श्रीलंका से हारने के बाद रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम टूर्नामेंट से बाहर होने के कगार पर खड़ी है।
इंडिया टुडे से बात करते हुए महान बल्लेबाज ने भारतीय टीम से अक्टूबर में टी 20 विश्व कप से पहले लय हासिल करने के लिए फर्स्ट च्वाइस प्लेयर्स को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में खिलाने की बात कही है। ऑस्ट्रेलिया में विश्व कप से पहले भारत 20 सितंबर से 4 अक्टूबर के बीच ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से 3-3 मैचों की टी-20 सीरीज खेलेगा।
गावस्कर ने कहा, ” आप एक टीम के साथ नहीं खेल रहे हैं। जब पूरी टीम खेल रही होती है तो आप लय में आ जाते हैं। आप प्रयोग करें, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। एक टीम में हमेशा 3 या 4 स्थान होते हैं और उन खिलाड़ियों को खोजने की कोशिश में आप अलग-अलग टीमों के साथ जाने की कोशिश करते हैं। इससे क्या होता है कि जब अन्य खिलाड़ी वापस आते हैं तो लय हासिल करने में समय लगता है।”
गावस्कर ने आगे कहा, “मैंने सोचा था कि जिम्बाब्वे दौरे पर एशिया कप और टी20 विश्व कप खेलने वाले अधिकांश खिलाड़ियों का चयन होगा। अब, अचानक आपके पास 4-5 खिलाड़ी आ गए, जिन्होंने जिम्बाब्वे में अच्छा प्रदर्शन किया था वे प्लेइंग तो क्या टीम में भी नहीं हैं। तो समन्वयन बनाने में समय लगेगा।”
गावस्कर ने यह भी कहा, “हां, चिंता की बात है। मैं ज्यादा चिंतित नहीं हूं, क्योंकि टी20 विश्व कप से पहले कुछ मैच होने हैं। वहां, मुझे उम्मीद है कि कोई प्रयोग नहीं होगा। आप उस टीम को चुनेंगे जो ऑस्ट्रेलिया जाकर खेलेगी। वर्कलोड मैनेजमेंट के बारे में बात करना बंद करें। जब आप भारत के लिए खेल रहे हों तो कोई वर्कलोड नहीं होता है। आपको अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम को मैदान में उतारना है।”
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने कहा, “अब एशिया कप से बाहर होने के साथ आपको 2-3 दिनों का अतिरिक्त आराम मिला है। आप आराम करें और ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए मोहाली में आएं। दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में एक या दो स्टैंडबाय के साथ एक ही टीम का चयन होना चाहिए। इससे उन्हें काफी समय मिल जाएगा।”