सुमित नागल ने मंगलवार को आस्ट्रेयाई ओपन टेनिस के पुरुष एकल में दूसरे दौर में प्रवेश किया। उन्होंने 27वीं रैंकिंग वाले कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बुबलिक को सीेधे सेटों में हराकर इतिहास रच दिया। नागल की जीत के साथ ही 35 साल में पहली बार किसी भारतीय ने ग्रैंडस्लैम एकल में किसी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को हराया है। इससे पहल 1989 में रमेश कृष्णन ने मैट विलेंडर को हराया था जो उस समय दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी थे और आस्ट्रेलियाई ओपन विजेता भी थे। इस टूर्नामेंट में अलेक्जेंडर को 31 वीं वरीयता मिली है।

हरियाणा के झज्जर के 26 साल के सुमित नागल ने अपने टेनिस करिअर में चार वर्षों में बहुत तकलीफें उठाई हैं। उन्हें इस दौरान कूल्हे की सर्जरी करानी पड़ी। कोविड से जूझना पड़ा और अपनी आंतरिक परेशानियों जूझना पड़ा। वे 2020 में पेपरस्टोन एटीपी रैंकिंग में 638वें स्थान पर आ गए, जबकि दो साल पहले ही वे शीर्ष 130 में थे। इस ढलान से उनका करिअर पर संदेह गहरा गया।

कोविड के बाद मैं नागल ने 2020 में कुछ अच्छे टूर्नामेंट खेले। हालांकि वे कोलोन में चैलेंजर में अपने खेल को बहुत खराब मानते हैं। वहां उन्हें मैच छोड़ना पड़ा क्योंकि कूल्हे में उन्हें थोड़ा दर्द महसूस होने लगा। उनको लगा कि उनका यह सत्र बिना खेले निकल जाएगा। सत्र वैसे भी ख़त्म हो रहा था। 2021 में नागल को यह पता लगाने में कुछ महीने लग गए कि 2021 में क्या करना है। यह असंभव था। क्योंकि ऐसे भी दिन थे जब वे सो नहीं पाते थे। उन्हें लगता था कि अगर बिस्तर पर करवट भी बदलेंगे तो नींद टूट जाएगी।

सर्जरी के बाद 2022 में वापसी करते हुए नागल को बहुत कठिन मुकाबले मिले। खासतौर पर तब जब वे लंबे समय से नहीं खेले थे। तब वह संभवत: उनकी सबसे खराब गर्मियां थीं। वे एक अन्य टूर्नामेंट में घायल हो गए थे। इसने 2022 में उनकी यात्रा को थाम लिया। वे दो महीने के लिए दक्षिण अमेरिका में थे और अंत में वे टेनिस कोर्ट भी नहीं देखना चाहते थे। वे मैं बस घर पर रहना चाहते थे और 2023 का इंतजार करना चाहते थे।

नागल, जिन्होंने 2019 में अमेरिकी ओपन में रोजर फेडरर से सेट जीता था, 2022 का अंत उनके बैंक खाते में काफी कम पैसे रह गए और पेपरस्टोन एटीपी रैंकिंग में 502 वें स्थान पर पहुंच गए। फरवरी 2023 में चेन्नई में घरेलू धरती पर एक चैलेंजर टूर्नामेंट में क्वालीफाइंग में वाइल्ड कार्ड प्रविष्टि ने उन्हें फिर से बढ़ने का संबल प्रदान किया। नागल अपने आखिरी खिताब के चार साल बाद अप्रैल में चैलेंजर टूर खिताब जीतने से पहले सेमीफाइनल में पहुंचे थे।

फरवरी में चेन्नई में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद वे एक ऐसे स्थान पर थे जहां वे टूर्नामेंट में भाग लेने को लेकर थोड़ा अधिक सहज थे। और वहां से उन्हें लगा कि टेनिस में यह उनका दूसरा मौका है। उन्होंने जी जान लगाने का फैसला किया। उनके पास शायद सबसे अच्छे कुछ महीनों में से एक था, अप्रैल से नवंबर तक के सात महीने।

आज तेजी से आगे बढ़ते हुए नागल की यात्रा चरम पर पहुंच गई है। 26 वर्षीय खिलाड़ी, जो वर्तमान में पेपरस्टोन एटीपी लाइव रैंकिंग में 127वें स्थान पर हैं, ने आस्ट्रेलियाई ओपन में 31वीं वरीयता प्राप्त अलेक्जेंडर बुबलिक को सीधे सेटों में हराकर दूसरे दौर में प्रवेश किया। यह उनकी दूसरी मुख्य ड्रा बड़ी जीत ( यूएस ओपन 2020) थी और उनकी कड़ी मेहनत का इनाम था।

नागल ने कहा, मैं स्लैम की तैयारी के लिए 26 दिसंबर को मेलबर्न में था क्योंकि वह सबसे बड़ा लक्ष्य था और मुझे लगा कि इन सभी चीजों का फायदा मिला। हर चीज के बाद एक ही समय में यह बहुत भावनात्मक और गौरवपूर्ण एहसास है। भावुक इसलिए क्योंकि 12 महीने पहले बहुत सारे विचार थे, बहुत सारे नकारात्मक विचार भी। मैं इसे बदलने में सक्षम था और खुद को वह करने का एक और मौका दे सका जो मैं करना चाहता था।

नागल ने कहा कि अगर उन्हें 1.4 अरब की आबादी वाले देश भारत में टेनिस के बारे में जागरूकता बढ़ाना जारी रखना है तो उन्हें प्रदर्शन जारी रखना होगा। गुरुवार को दूसरे दौर में उनका मुकाबला चीनी सितारे शांग जुनचेंग के खिलाफ है। अपने दूसरे दौर के मैच से पहले, नागल एमसीजी में अपने देश के राष्ट्रीय खेल क्रिकेट के पवित्र मैदान में खड़े थे। उन्होंने खुद भी काफी वक्त क्रिकेट खेलने में समय बिताया है।

नागल ने कहा, ‘एमसीजी ने मेरे बचपन की यादें ताजा कर दीं। मैं खूब क्रिकेट खेलकर बड़ा हुआ हूं। भले ही मैं कभी भी क्रिकेट अकादमी में नहीं गया, जब मैं सात-आठ साल का था तो दोस्तों के साथ सड़कों पर ही खेलता था। यह अजीब बात है कि मुझे इस स्टेडियम को क्रिकेट के माध्यम से नहीं बल्कि टेनिस के माध्यम से देखने को मिला। यह कितना सुखद था एमसीजी मैदान पर कदम रखना और चारों ओर घूमना। वह 1997 ( यूएस ओपन ) में लिएंडर पेस के बाद स्लैम के तीसरे दौर में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बनने का लक्ष्य रखेंगे। गुरुवार को मेलबर्न में शांग से मुकाबला होगा।