इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी क्रिस ब्रॉड ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) पर बड़ा आरोप लगाया है। दो दशक तक रेफरी रहे ब्रॉड का दावा है कि उनको स्लो ओवर रेट के लिए भारत के साथ बहुत नरमी बरतने को कहा गया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली बात नहीं सुनते थे। 68 साल के ब्रॉड इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के पिता हैं। आईसीसी ने 2024 में उनका कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया। इससे 2003 में पहली बार रेफरी की भूमिका निभाने के 21 साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका सफर समाप्त हो गया।
ब्रॉड ने द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में बताया, “मैं आगे भी काम करना चाहता था, लेकिन 20 साल तक मैंने राजनीतिक और शारीरिक तौर पर दोनों तरह से बहुत सी मुश्किलों का सामना किया। मैं पीछे मुड़कर देखता हूं और सोचता हूं आप जानते हैं कि उस काम को करने के लिए 20 साल का समय काफी लंबा होता है। मैं खुश हूं कि मुझे दुनिया के कुछ हिस्सों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। मैं हमेशा से ऐसा इंसान हूं, जो सही और गलत में विश्वास करता है। दुनिया के कुछ हिस्सों में सही और गलत में बहुत फासला होता है और उनके बीच बहुत गंदगी होती है, जिससे आपको निपटना पड़ता है। मुझे लगता है कि सही और गलत के नजरिए वाले किसी व्यक्ति के लिए राजनीतिक माहौल में 20 साल तक टिके रहना एक शानदार कोशिश है।”
फोन पर कहा गया ‘नरमी दिखाओ भारत है’
इस इंटरव्यू के दौरान ब्रॉड ने बताया कि कैसे वैश्विक क्रिकेट निकाय ने उन पर भारत को ओवर-रेट की सजा से बाचने के लिए दबाव डाला था। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह घटना कब और किस मैच के दौरान घटी। उन्होंने कहा, “भारत मैच के आखिर में तीन, चार ओवर पीछे था तो यह फाइन था। मुझे एक फोन आया जिसमें कहा गया, ‘नरमी दिखाओ, क्योंकि यह भारत है’। ठीक है, तो हमें नरमी दिखानी होगी। अगले ही मैच में ठीक वैसा ही हुआ। उन्होंने (सौरव गांगुली) कोई बात नहीं सुनी और इसलिए मैंने फोन करके कहा अब आप मुझसे क्या करवाना चाहते हैं? मुझसे कहा गया बस वही करो। शुरू से ही इसमें राजनीति थी। अब बहुत से लोग या तो राजनीतिक रूप से ज्यादा समझदार हो गए हैं या बस अपनी नजरें झुकाकर रखते हैं। मुझे नहीं पता।”
आईसीसी अखंडता को चोट पहुंची
मैच रेफरी के तौर पर ब्रॉड का लंबा करियर फरवरी 2024 में कोलंबो में टेस्ट के साथ खत्म हुआ। उन्होंने सभी फॉर्मेट मिलाकर 622 इंटरनेशनल मैचों नें रेफरी की भूमिका निभाई। ब्रॉड ने यह भी दावा किया कि आईसीसी अखंडता को पिछले कुछ सालों में चोट पहुंची है और भारत पावर पोजीशन का मजा ले रहा है। दुबई में हेडक्वार्टर वाली इस वैश्विक निकाय की अगुआई अभी बीसीसीआई के पूर्व सेक्रेटरी जय शाह कर रहे हैं।
मैनेजमेंट बहुत कमजोर हो गया
ब्रॉड ने कहा, “मुझे लगता है कि जब विंस वैन डेर बिजल (आईसीसी अंपायर मैनेजर) इस पद पर थे तो उन्होंने हमें सपोर्ट किया था क्योंकि वे क्रिकेट बैकग्राउंड से थे, लेकिन उनके जाने के बाद मैनेजमेंट बहुत कमजोर हो गया। भारत के पास खूब पैसा है और अब उन्होंने कई तरह से आईसीसी पर कब्जा कर लिया है। मुझे खुशी है कि मैं अब नहीं हूं क्योंकि अब यह पहले से कहीं ज्यादा राजनीतिक जगह हो गई है।”
