क्रिकेट का मक्का लॉर्ड्स में इंग्लैंड खिलाफ दक्षिण अफ्रीका की यादगार जीत के बाद कप्तान डीन एल्गर ने कहा कि उन्हें मेजबान टीम से संघर्ष दिखाने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि मैच जल्दी समाप्त हो गया। हमने सोचा था कि इंग्लैंड की टीम कड़ा मुकाबला करेगी। बता दे कि प्रोटियाज टीम सिर्फ छह सेशन में जीत गई। बेन स्टोक्स की टीम को पारी की हार झेलनी पड़ी।
एल्गर कभी भी क्रिकेट के विषयों पर चर्चा से पीछे नहीं हटते हैं। उन्होंने आईसीसी के एफटीपी कैलेंडर को लेकर निराशा जताई। शानदार गेंदबाजी आक्रमण वाली दक्षिण अफ्रीका की टीम को अगले चार साल में केवल 28 टेस्ट मैच खेलने हैं। इसे लेकर उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम और अधिक मैच खेल सकते हैं। यह एक दुखद बात है, लेकिन ऐसा ही है। मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मैं मुश्किल में पड़ सकता हूं।”
एल्गर ने कहा, “दक्षिण अफ्रीकी स्टैटिशियन एंड्रयू सैमसन ट्वीट करके इसे और अधिक स्पष्ट करेंगे। रबाडा औसतन प्रति टेस्ट 4.7 विकेट लेते हैं। ऐसे में उन्हें स्टेन से आगे निकलने के लिए 41 और टेस्ट की जरूरत होगी।” दक्षिण अफ्रीका के एफटीपी में 35 और टेस्ट निर्धारित हैं तबतक रबाडा 32 साल के हो जाएंगे। इतने कम टेस्ट होने से यह उपलब्धि हासिल करना आसान नहीं होगा।
दक्षिण अफ्रीका ने टेस्ट के मुकाबले अपनी नई टी20 फ्रेंचाइजी लीग को प्राथमिकता दी है, जो उनके एफटीपी में झलकता है। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के सीईओ फोलेत्सी मोसेकी ने ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया, “हम जानते हैं कि आपको विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए एक सीरीज में कम से कम दो टेस्ट खेलने की जरूरत है और इसलिए हमने यही किया है। हमें यह भी सोचना होगा कि टेस्ट की मेजबानी के लिए हमें पैसे खर्च करने पड़ते हैं। हमें ऐसे क्रार्यक्रम बनाने की जरूरत थी कि हमारी नई लीग के साथ अंतरराष्ट्रीय फिक्स्चर न हों।”
एल्गर की बात करें तो जब से वह इंग्लैंड आए हैं। वह इंग्लैंड को चेतावनी दे रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने बैजबॉल को लेकर बयान दिया था। एल्गर ने द रैपॉर्ट अखबार से कहा था, “दूर से किसी चीज को परखना हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इंग्लैंड की बेधड़क अक्रामक क्रिकेट खेलने की रणनीति टिकाऊ है। इंग्लैंड की नई शैली काफी दिलचस्प है, लेकिन अगर न्यूजीलैंड ने कैच पकड़े होते तो स्थिति ही कुछ और होती।”