बीसीसीआई ने मंगलवार रात रवि शास्त्री को भारतीय टीम का नया कोच नियुक्त कर दिया। शास्त्री पहली बार टीम इंडिया के कोच बने हैं। इससे पहले वह बतौर टीम डायरेक्टर क्रिकेट टीम से जुड़े थे। यह फैसला सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सदस्यता वाली क्रिकेट अडवाइजरी कमिटी (सीएसी) ने कप्तान विराट कोहली से बातचीत करने के बाद लिया है। पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान को बॉलिंग कोच नियुक्त किया गया है, जबकि राहुल द्रविड़ को बैटिंग कंस्लटेंट बनाया गया है, लेकिन वह स्थायी तौर पर टीम इंडिया से नहीं जुड़े होंगे। वह विदेशी दौरों पर टीम के साथ जाएंगे।
कोच कौन बनेगा, यह फैसला लेना सीएसी के लिए बेहद मुश्किल था। मालूम चला है कि रवि शास्त्री और वीरेंद्र सहवाग के बीच काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। लेकिन विराट कोहली ने शास्त्री के पिछले शानदार कार्यकाल को देखते हुए उनके नाम की सिफारिश की। उच्च पदस्थ सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पूर्व कप्तान सौरव गांगुली शास्त्री की नियुक्ति को लेकर सहमत नहीं थे। लेकिन बाद में सचिन तेंडुलकर ने उन्हें मनाया। सचिन ने गांगुली से कहा कि टीम की ख्वाहिश को मानना चाहिए। यह भी पता चला है कि शास्त्री ने बॉलिंग कोच के लिए भरथ अरुण के नाम की सिफारिश की थी, लेकिन गांगुली ने इसे खारिज करते हुए जहीर खान को इस पद पर नियुक्त कर दिया।
नाम न बताने की शर्त पर एक बीसीसीआई अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि जहीर खान को बॉलिंग कोच नियुक्त किए जाने के बाद सौरव गांगुली रवि शास्त्री को कोच बनाने के लिए राजी हुए थे। क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने ट्वीट कर बताया कि कैसे सीएसी ने रवि शास्त्री के अधिकार कम कर दिए। सूत्र ने बताया कि जहीर की नॉलेज और मौजूदा टीम के साथ उनके संबंधों के मद्देनजर कोई उनके नाम पर सवाल नहीं उठा पाया।
बता दें कि पिछले साल भी रवि शास्त्री ने कोच पद के लिए आवेदन किया था। उस वक्त अनिल कुंबले भी रेस में थे। लेकिन शानदार परफॉर्मेंस के बावजूद उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। इस दौरान उनका गांगुली से झगड़ा भी हुआ था। उन्होंने गांगुली पर आरोप लगाया था कि वह उनके इंटरव्यू के दौरान मौजूद नहीं थे। जबकि गांगुली ने कहा था कि क्या शास्त्री सीरियस थे? उन्होंने कहा कि शास्त्री को बैंकॉक में छुट्टियां मनाने के दौरान इंटरव्यू में शामिल नहीं होना चाहिए था।