भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रमुख सौरव गांगुली को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। रविवार सुबह घर लौटने से पहले वह चार दिन अस्पताल में रहे। गांगुली की अवरुद्ध धमनियों को खोलने के लिए तीन दिन पहले उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हृदय संबंधी दिक्कतों के कारण गांगुली (48) बुधवार को एक महीने में दूसरी बार अस्पताल में भर्ती हुए थे। अस्पताल तक उन्हें आसानी से पहुंचाने के लिए सिटी पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया था।
एंजियोप्लास्टी के बाद गांगुली की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर थी, लेकिन डॉक्टरों ने शुक्रवार को उनकी फिर से जांच की, उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट (सघन देखभाल इकाई) से एक प्राइवेट रूम (निजी कमरे) में भेज दिया गया था। जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी और डॉ. अश्विन मेहता तथा अन्य चिकित्सकों के दल ने बृहस्पतिवार को उनकी एंजियोप्लास्टी की थी और दो स्टेंट डाले थे। अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘गांगुली की सेहत ठीक है और उनका हृदय सामान्य व्यक्ति की भांति सेहतमंद है। उनका स्वास्थ्य बहुत तेजी से ठीक हुआ है। हमें उम्मीद है कि कुछ ही दिन में वह सामान्य जीवन जी सकेंगे।’ उन्होंने कहा कि गांगुली को सख्त दिनचर्या नियमित रखनी पड़ेगी और कुछ महीने दवाइयां लेनी पड़ेगी।
48 साल के गांगुली ने 2 जनवरी को जिम में एक्सरसाइज के दौरान सीने में भारीपन के साथ-साथ चक्कर आने की शिकायत की थी। अस्पताल जाने पर पता चला कि उन्हें माइनर कार्डियक अरेस्ट हुआ है और उनके ‘ट्रिपल वेसेल डिजीज’ से पीड़ित होने का पता चला था। इसके बाद धमनी में अवरोध को दूर करने के लिए उनकी पहली एंजियोप्लास्टी की गई थी और एक स्टेंट डाला गया था।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को अस्पताल का दौरा किया था। ममता बनर्जी ने इससे पहले गुरुवार सुबह फोन पर सौरव गांगुली के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की थी। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि वह जल्द ही अपनी सामान्य दिनचर्या शुरू करेंगे।