पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को आइपीएल – नौ का खाका तैयार करने के लिए सोमवार को गठित चार सदस्यीय कार्यसमूह में शामिल किया गया। साथ ही बीसीसीआइ ने स्पष्ट किया कि आइपीएल में न्यूनतम आठ टीमें होंगी। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
आइपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला की अध्यक्षता वाले समूह में बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी भी शामिल हैं। बीसीसीआइ के कानूनी सलाहकार यूएन बनर्जी पैनल की मदद करेंगे। शुक्ला ने पैनल के सदस्यों की घोषणा करते हुए कहा कि पैनल न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और आइपीएल नौ के लिए खाका तैयार करेगी जिसमें कम से कम आठ टीमें होंगी। यह कैसे होगा, इसका सुझाव कार्यसमूह देगा। उसने कहा कि हम प्रायोजकों, प्रसारकों, फ्रेंचाइजी और राज्य संघों समेत सभी संबंधित पक्षों से बात करेंगे।
बीसीसीआइ ने न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के फैसले पर अमल में विलंब की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि यह धारणा गलत है चूंकि बोर्ड पहले ही फैसले को अक्षरश: स्वीकार कर चुका है। शुक्ला ने कहा कि समिति के पास लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए छह सप्ताह का समय होगा और वह सभी हितधारकों से बात करने के बाद अपनी सिफारिशें देगी। समिति सिफारिशें देने से पहले कानूनी सलाहकारों से भी परामर्श लेगी क्योंकि हम बाद में किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं चाहते।
कार्यसमूह गठित करने का फैसला रविवार को मुंबई में आइपीएल संचालन परिषद की बैठक में लिया गया था जिसमें लोढ़ा समिति के आदेश पर चर्चा की गई थी। लोढ़ा समिति ने चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स को आइपीएल से दो साल के लिए निलंबित कर दिया था। शुक्ला ने कहा कि आइपीएल संचालन परिषद के भी सदस्य गांगुली को खिलाड़ियों के प्रतिनिधि के रूप में समूह में शामिल किया गया है।
आइपीएल चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि बीसीसीआइ लोढ़ा समिति के फैसले को अक्षरश: लागू करेगी और पैनल का काम आगे के लिए रास्ता तैयार करना है ताकि आइपीएल नौ की तैयारियां शुरू की जा सकें। आइपीएल नौ के लिए हमारे पास अब भी कुछ समय है। इसलिए हमें जल्दबाजी में कोई भी फैसला नहीं करना चाहिए। हम प्रक्रिया के अनुसार चलेंगे और आइपीएल से संबंधित सभी मसलों पर आम सहमति से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यसमूह गठित करने का मकसद आदेश पर अमल की प्रक्रिया तय करना है। इसे विलंब की रणनीति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
शुक्ला ने कहा कि मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि बीसीसीआइ पहले ही जस्टिस लोढ़ा समिति के फैसले को शब्दश: स्वीकार कर चुका है। कार्यसमूह का गठन आइपीएल नौ का भावी खाका तैयार करने के लिए किया गया है। विलंब का कोई सवाल ही नहीं उठता। फैसला स्वीकार कर लिया गया है और अब उस पर अमल होना है। इसके लिए हमने कार्यसमूह बनाया है जिसे अपने सुझाव देने के लिए छह सप्ताह का समय मिला है।
आइपीएल अध्यक्ष ने कहा कि हमारी प्रक्रिया को हमारे कानूनी सलाहकारों की मंजूरी हासिल होगी और यही वजह है कि हमें सुझाव देने के लिए कुछ समय चाहिए। इन मसलों के सुलझने के बाद ही आइपीएल नौ की तैयारी शुरू होगी। यह पूछने पर कि क्या लोढ़ा समिति के फैसले से आइपीएल की छवि को ठेस पहुंची है, शुक्ला ने कहा कि लोगों को इस लीग पर भरोसा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आइपीएल की छवि को ठेस पहुंची है। आइपीएल आठ देश विदेश में सबसे कामयाब टूर्नामेंटों में से एक रहा। लोगों को आइपीएल पर भरोसा है। इस ब्रांड वैल्यू को आगे बढ़ाना है और मुझे यकीन है कि हम अगले साल बेहतर टूर्नामेंट देने में कामयाब होंगे। जो भी समस्याएं हमारे ध्यान में लाई गई हैं, हम खेल के हित में उनका निराकरण करने की कोशिश करेंगे। हम लोढा समिति के फैसले पर सवाल नहीं कर रहे, बहस नहीं कर रहे और न ही उसे चुनौती दे रहे हैं। लिहाजा लोगों को यह कतई नहीं सोचना चाहिए कि हम विलंब कर रहे हैं।