दलीप ट्रॉफी में इंडिया डी के कप्तान श्रेयस अय्यर ने 4 पारियों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। वह रविवार (15 सितंबर) को टूर्नामेंट के दूसरे राउंड के आखिरी दिन इंडिया ए के खिलाफ अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। उनकी टीम हार की कगार पर है। श्रेयस अय्यर का जब विकेट गिरा तब इंडिया डी ने दूसरी पारी में 4 विकेट पर 158 रन बना लिए थे। जीत के लिए 330 रन चाहिए। इंडिया ए से 488 रन का टारगेट मिला है।

इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बाद टीम से बाहर चल रहे श्रेयस अय्यर की भारतीय टेस्ट टीम में वापसी फिलहाल मुश्किल लग रही है। टेस्ट टीम के बाहर होने के बाद उन्हें घरेलू क्रिकेट को नजर अंदाज करने के बाद बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था। बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी उन्हें नहीं चुना गया है और विराट कोहली, केएल राहुल, सरफराज खान, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाजों की मौजूदगी से मिडिल ऑर्डर में काफी प्रतिस्पर्धा है।

श्रेयस अय्यर ने बैटिंग पोजिशन बदली

इस बीच श्रेयस अय्यर का दलीप ट्रॉफी कुछ खास नहीं गुजरा है। उन्होंने 9,54,0 और 41 की पारियां खेली हैं। उन्होंने 4 पारियों में सिर्फ 104 रन बनाए हैं। इंडिया ए के खिलाफ पहली पारी में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने आए श्रेयस अय्यर बगैर खाता खोले आउट हो गए थे। दूसरी पारी में उन्होंने बैटिंग पोजिशन बदली। वह नंबर 5 पर खेलने आए और इसका उन्हें फायदा भी मिला। उन्होंने 8 चौके की मदद से 41 रन बनाए, लेकिन शम्स मुलानी की फिरकी में फंस गए। गेंद अय्यर के पैरों के बीच से निकल गई।

कैसे आउट हुए श्रेयस अय्यर

शम्स मुलानी ने राउंड द विकेट शॉर्ट गेंद की। श्रेयस अय्यर ने पीछे जाकर स्क्वायर लेग की तरफ गेंद खेलने की कोशिश की। गेंद थोड़ी नीची रही, बल्ले का किनारा लेने से बची और लेग स्टंप पर लगी। पहली पारी में अय्यर चश्मा लगाकर बल्लेबाजी करने आए थे। उन्हें खलील अहमद ने पवेलियन भेजा था।