श्रेयस अय्यर की हालत नाजुक लेकिन स्थिर बनी हुई है। माना जा रहा है कि 30 वर्षीय श्रेयस अय्यर की हालत में सुधार हो रहा है। श्रेयस अय्यर को आईसीयू से भी बाहर लाया गया है। बीसीसीआई (BCCI) की मेडिकल टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर खेले गए तीसरे और आखिरी वनडे मैच में श्रेयस अय्यर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
क्रिकबज ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्रों के हवाले से लिखा, ‘श्रेयस अय्यर अब खतरे से बाहर हैं। हालांकि, फील्डिंग के दौरान एलेक्स कैरी का कैच लेने की कोशिश में गिरने से उन्हें आंतरिक रक्तस्राव (internal bleeding) हुआ था। उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां टीम डॉक्टर डॉ. रिजवान खान लगातार उनके साथ हैं।’
कुछ स्थानीय दोस्त श्रेयस अय्यर के साथ हैं और उनके परिवार का एक सदस्य भी मुंबई से सिडनी रवाना हो सकता है। हालांकि वीजा प्रक्रिया में थोड़ी देरी हुई है, क्योंकि सप्ताहांत में आवेदन नहीं किया जा सका। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि श्रेयस अय्यर भारत कब लौटेंगे।
बीसीसीआई, टीम मैनेजमेंट और परिवार ने फिलहाल उन्हें पूरी तरह स्वस्थ होने तक सिडनी में ही रहने का फैसला किया है। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें अस्पताल में कुछ और दिन रहना पड़ सकता है।
श्रेयस अय्यर का अगला लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की शृंखला है। यह देखना बाकी है कि टीम के उप-कप्तान 30 नवंबर, 3 और 6 दिसंबर को होने वाले तीन मैचों के लिए पूरी तरह से फिट हो पाते हैं या नहीं। श्रेयस अय्यर को वर्तमान में राष्ट्रीय चयनकर्ता केवल एकदिवसीय प्रारूप के लिए चुन रहे हैं। इस बीच, भारतीय टीम कैनबरा पहुंच गई है, जहां वह 29 अक्टूबर को पांच टी20 मैचों की शृंखला का पहला मैच खेलेगी।
बीसीसीआई ने अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि श्रेयस अय्यर की सर्जरी हुई है या नहीं। हालांकि, खेलों में आमतौर पर हल्की चोटों का आराम और निगरानी से इलाज किया जाता है, खासकर बिना सर्जरी के। ज्यादा गंभीर मामलों में एंजियोग्राफिक एम्बोलाइजेशन की जरूरत पड़ सकती है। यह ऐसी सर्जरी होती है, जिसमें खून बहने वाली वाहिकाओं को बंद कर दिया जाता है।
