ताइक्वांडो में भारत में प्रथम रैंकिंग वाले शिवांश त्यागी विश्व स्तर पर नई चुनौती पेश कर रहे हैं। विश्व स्तर पर उनकी रैंकिंग 53 है। राष्ट्रीय खेलों में वे स्वर्ण पदक विजेता रह चुके हैं। अब कोरिया में जून में होने जा रहे एशियाई चैंपियनशिप और सितंबर में चीन के हांगझोऊ में होने जा रहे एशियाई खेलों की तैयारी में इन दिनों पसीना बहा रहे हैं। दोनों प्रतियोगिताओं के लिए वे क्वालीफाई कर चुके हैं।

शिवांश किसान परिवार से आते हैं। छह फुट चार इंच लंबे शिवांश 74 किलो वर्ग में खेलते हैं। बचपन में ही शिवांश का रुझान ताइक्वांडो की तरफ था। प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ते हुए ही इन्होंने सीबीएससी की कई प्रतियोगिताओं में छह स्वर्ण पदक हासिल किए। देश में आगरा, हैदराबाद, कानपुर, पुणे, वाराणसी आदि कई जगहों पर एवं विदेशों में कनाडा, वियतनाम, ईरान, रूस, संयुक्त अरब अमीरात आदि अनेक देशों में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा चुके हैं।

किसान पिता हरि किशन त्यागी और गृहिणी मां मोनिका त्यागी ने शिवांश को प्रोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जीवन में अपने दादा को आदर्श मानने वाले शिवांश के खेल के क्षेत्र में आदर्श व्यक्ति विश्व चैंपियन रहे मोहम्मद बघेरी मोतामेद हैं। ताइक्वांडों के अलावा शिवांश की रूचि स्केटिंग, बास्केटबाल और टेबल टेनिस में भी है तथा इन्होंने इन खेलों में भी अनेक पुरस्कार जीते हैं। शिवांश बचपन से ही शुद्ध शाकाहारी रहे हैं।

वे बीते 11 साल से ताइक्वांडो खेल रहे हैं। ईरान में प्रेसीडेंट कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने के बाद उन्हें विश्व स्तर पर 53 वीं रैंकिंग मिली। उन्होंने मांट्रियाल में विश्व चैंपियनशिप में कांसा जीता। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय इवेंट था। जार्डन में भी वे कांसा जीत चुके हैं। वियतनाम, तेहरान, मास्को में कई विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में उन्हें खासी सराहना मिली।

शिवांश के मुताबिक, वे एशियाई खेलों के बाद ताइक्वांडो में भारत का प्रतिनिधित्व ओलंपिक में करना चाहते हैं। इसके लिए गुड़गांव स्थित अपने प्रशिक्षण केंद्र में कड़ी तैयारी कर रहे हैं। कुछ दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित फौजीरात ओपन टूर्नामेंट में विश्व स्तर पर शिवांश ने पांचवां स्थान पाया है। इसी तरह तेहरान के फजर ओपन एवं तीसरे एशियाई ओपन चैंपियनशिप में मुकाम हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने लगातार फाइट में प्वाइंट गैप से जीत हासिल कर भारत में प्रथम रैंकिंग हासिल किया। शिवांश के मुताबिक, ताइक्वांडो की तैयारी में उन्हें अपने कैद का अच्छा फायदा मिलता है। वे अपने प्रशिक्षण में इस बात का खासा ध्यान रख रहे हैं।